SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 254
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 172 :482. भंजेन लकच मंदे न- । । शोच 505. -खटि- om.VI -यशो- VT-गृfor पिशाच: V। om. BV | -द- B | -३यामिशाला--CI 483. पुरी for नगरीVI -हस्वीणभ्यो V। कसम्भं च om. B | शय्या for 484. स्थंड च को कर च । कः शयन यन्त्रम् V गतौ नत्वे B | स्मयः for प् च एकवेः क च V मरिचविशेष: BI अहंकार: V 1 देश: for जनपद: V| तिर्यग्वाल: 485. हृषिवृषि-1 -मंठिभ्य '' | बंधनं BTVI V। शस्त्रं for आयुधं निस्तुषत्री-B वीद्यादि 508. शेवा प्रबला निमश्च । प्रवलानिगाVIन्योयोपेतं V। उट्पर्क: TI Tमेंद्रश्च T | देवास्त्रं VI 488. -हि-3-वहि-CTV-1-वंदिभ्यः 507. उद्धं च B उद्देई च C उर्ध घTI BCVI स्थल: V| कृष्णपक्षः प्रासकश्च V|| उपरि om. BV IT repeats उर्ध्व after बहुला कृष्टिका B | बहुली पौः VI उपरिव om. B TI 487. तुमुलनिमुलनिचुल-C-चल- BI 508. -राति: C-राचांत: VI -मञ्जुल-om. V | कुमल: V1 व्याश्रमयुटूं VI 503 -लष Cv -लघु च corrected चंलुल: for वञ्जल: B मंजलः मनोज्ञ: V| पृथु to सिप लिव इत्यादेशो भ-- । च Tथ च । । अवयवप्र- V} भक्षाव- 'T' 510. No commentary of this Sūtra भक्षावि०V कण्णांशथVI-वलगुला-BI in क्षत्रिय BTE 488. -वलि- TV I-बधि-- B -बधि 511. -धाषि- T|-धि- B| -विल्यवि'T | गडुड् and गडुल: for कडुडू and कण्ड्ल : TV | कपाश्मा for सुत्र --पलो V | क्षुद्रश्च BI B | बधि BV | बधूल: BVI रसायनतं- TI इष्टः for अभिलषितः ।। श्रुवः वहनभांडं V | 483. वोऽतश्च | | तांबुलः तंबुलः VI नितिः V | सौत्रः आभिलिषित: विल्वं V | V पुगपर्णसंयोगः ।। adds स्वोः थाऽ०वलोपे before अवेत्य-1 490. दुवि० for वृक्षवि-V देशकाल-शकाल VI 491. -बबूल-TV -वचल-Cोम B 513. -जिह च CTV I जिह इ- TI मोक्षं V | कारीषोऽग्निः T। बधेर्वोतो वश्च B वधेवाडतो वश्च T वधेवा तश्च V | वब्बुल: B 14.-मी वाम्बादयः B-मीवाद्वादयः C-मी वालादयः T | हयतेर्वश्च हयते- B1- राह च बछुल: । बबूल: V I दुवि° for वृक्षवि-VI TV ह च TV| आत्मः आत्मीयं B नात्मात्मी493. वाज्यत्रवि । वलिवि- B विदला यजातिषु: V | जलं for उदकं V | अवा B अंबा उमत्रवि । 494. ग्राह्यानयां V | कायते इति कोल: BI V| आदेः प्वादयः || V. Perhaps आप्या 10 गायते इति गोल: BI परिषा VI be read; comp. Ujjv. Un. I, 154.1. 495. पिंछ च TV पीछ् ।। वाद्यवंशः for 515. -बटि-1 |-पणि-- om.VI बडवा वादित्रवि-VI वडवा चऽधा V| पल्लवः किशलयं BI 496. बलि- TI 517. मलिणिद्वा । | देशः for जनपद: V| 497. खलः प्रत्यय: च--लश्च एका-TE 518 -कुरिपुरिमुरि-CI-मुस्थाभ्यः V| कृत् रसना B | एत्वं आत्वबा- VIमिग- = S. Cमान: V स्थावः TI TV, 2. P. VI, 1, 50.। 519. जभूगो: B | कैरभैरौ च om. T कैरः 499. वल: CT -स्थानकवि-B भैरौ च VIभयानक श्चेति V | मत च T मुतच VI 500. बलप्रत्य- B| गस्त्यो न दुग्धः ।। 520. शृणोते-BI इल्वलाः भं ।। V आदेः तात्वलादयः || V। 521. पृथ च CV पृथच T | पृथ इ-TI 501. -बलण्वला: B| बल इत्येते BI 522. इत्यस्मादिवः BI जपा- = S. II, 3. । जलवाचि BI 523. पृशे C पार CTV पार इ-TI 502. हेमल्यं for सुवर्णम् VIन्यवा- = ऽर्हन् for भग--करः V | 5. IV, 1. P. VII,3,53.1 मुकुलं बसं च for 525. मीहि-C |-हीण B| -प्यैपा-C1 तदेव बिलं च ।। शन्दे तालव्यांतः V | वि. for | गमनपरं om. T गमनपुर V| द्विजः for ब्राह्मणः वृक्षवि-VI Vब्रह्मणः B. V has द्विजः instead पात्र 503. कुलकु BT कलिकु-C| कुल कुम om. TIGER VI इत्यादेशौ च || 526. अधिः for समुद्रः V । त्वं correct.. Aho 1 Shrutagyanam
SR No.034211
Book TitleUnadigana Sutra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherEducation Society Press
Publication Year1895
Total Pages314
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy