SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८३० पौष, घोघा, नवखंडा पार्श्व स्तवन प्र० १८३० फाल्गुन शुक्ला ६, जोर्णगढ़, खरतरगच्छ पट्टावली प्र० १८३३ कार्तिक शुक्ला ५, मनराबंदिर, आत्मप्रबोध ,प्र० १८३४ वैशाख कृष्णा ५, महेवा, पार्श्व स्तवन प्र० १८३४ ज्येष्ठ शुक्ला १, बाबू, ऋषभ जिनस्तवन प्र० १८३५ श्रावण शुक्ला ५, पाटोधी, चातुर्मासिक __ व्याख्यान । प्र. १८३६ फाल्गुण कृष्णा ६, लोद्रवा, सहसफणा पार्श्व स्तवन प्र १८३८ जैसलमेर, श्रावक विधि प्रकाश प्र. साधु विधि प्रकाश प्र. १८३९ श्रावण शुक्ला ५, जैसलमेर, यशोधर चरित्र प्र. १८४३ (४२) चातुर्मास, बालूच र, भगवती सूत्र सझाय प्र. १८४३ फाल्गुण कृष्णा ११. सम्मेत शिखर, तीर्थयात्रा स्तवत गा० ७ प्र. १८४४ वैशाख शुक्ला ५, अजीमगंज, संभव (प्रतिष्ठा स्त० प्र. १८४५ माघ शुक्ला ११, महिमापुर, सुविधि (प्रतिष्ठा) स्त० गा० ७ प्र. १८४७ वैशाख शुक्ला ५, महाजन टोली, पार्व (प्रतिष्ठा) स्त० गा० ५ प्र. १८४७ विजयदसमी,महिमापुर, थावच्चा चौपई गा०५३प्र. • वैसे इसके रचयिता जिनलाभ सूरि होने का उल्लेख प्रशस्ति में है पर क्षमाकल्याणजी की रचनाओं की जो सूची ज्ञान भंडार में मिली है उसमें इसका भी नाम है। Aho! Shrutgyanam -
SR No.034210
Book TitlePrashnottar Sarddha Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshamakalyanvijay, Vichakshanashreeji
PublisherPunya Suvarna Gyanpith
Publication Year1968
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy