SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (७) (6) नवतत्व टबा--संवत् १८३४, . अजीमगंज, सबलसिह पठनार्थ । (१०) प्राबू यात्रा स्तवन-सम्वत् १८२१ (जिनलाभ सूरि और ८५ यतियों के साथ) (११) फलौधी पार्श्व स्तवन-संवत् १८२३ मिगसर बदि ८ (जिनलाभ सूरि साथ) (१२) साधु समाचारी-सं० १८१६, (शिष्य विद्याशील पठनार्थ) (१३) नेमि नव रसो। (१४) सिद्धांत चंद्रिका वृत्ति (सुबोधिनी पूर्वार्द्ध) ग्र० ६००० (१५) अल्पाबहुत्व स्तवन गाथा १४ (१६) साध्वाचार पटनिशिका (१७) विवाह पडल भाषा (पत्र २) (१८) वीरायु ७२ वर्ष स्पष्टीकरण सं० १८३७ प्रा० सुदि ६ मेड़ता नागोर (?) (१९) पार्श्वस्तवन सटीक (पत्र १ महिमा भक्ति भंडारगाथा ८) (२०) नेमि नाम माला भाषा टीका सं० १८२२ स्थानकाला ऊना (२१) लघुस्तव टब्बा, सं० १७६८ (२२) सप्तश्लोकी टबा. सं० १८३१. पाली जयदत्त के पत्र में:-अभप्रस्थेन श्रीपाठकैः रूपचंद्रारकै कृता षट् सहस्र प्रमिता चंद्रिका वृति. लिख्यते ॥ बिकानेर से वेनातट से पं० देवचंद लि० । Aho! Shrutgyanam
SR No.034210
Book TitlePrashnottar Sarddha Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshamakalyanvijay, Vichakshanashreeji
PublisherPunya Suvarna Gyanpith
Publication Year1968
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy