SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 36
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - २६ - ५. ग्रन्थ-साहित्य-मेरा तात्पर्य प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थ व दस्तावेजोंसे है। मेरा अनुभव है कि इतिहास और कलाके क्रमिक विकासपर प्रकाश डालनेवाली जो सामग्री स्वतंत्र ग्रन्थोंमें उपलब्ध नहीं होती वह पुराने ज्ञानभण्डारोंके फुटकर पत्रोंमें मिल जाती है । जैन इतिहासका जहाँतक प्रश्न है मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूँगा कि इसकी प्रचुर सामग्री फुटकर पत्रोंमें बिखरी पड़ी हैं । समाजकी असावधानीसे दैनन्दिन दीमकोंके उदरमें इतिहास समाता जा रहा है। ६. अतिरिक्त वस्तु-निरीक्षण-इस विभागमें सूचित सामग्रीका अध्ययन विशेष रूपसे अपेक्षित है । यद्यपि वर्ण्यवस्तु सामान्य-सी ज्ञात होती हैं पर बिना इसपर समुचित अध्ययन किये कलाकारकी दृष्टि पूर्ण नहीं होती न निरीक्षण शक्तिका ही विकास होता है । अाजके वैज्ञानिक-शोध-प्रधान युगमें खण्डहरोंके अन्वेषणमें रुचि रखनेवाले विद्यार्थियोंको भूगर्भ-शास्त्रका ज्ञान नितान्त अपेक्षित है। बिना इस ज्ञानके न तो खुदाई की जा सकती है और न उसमें पायी जानेवाली वस्तुअोंका काल निर्देश ही । एक ही खण्डहरकी खुदाईमें कभी-कभी भिन्नकालीन वस्तुएँ प्राप्त हो जाती हैं, जिनकी आयु खण्डहरसे कई वर्ष पूर्वकी भी संभव है । दीवालके थरों में भी अलगअलग शताब्दियोंकी मृत्तिका व भवन-निर्माण शैलियाँ दृष्टिगोचर हो..ी हैं । खुदाई करवानेवाला यदि सावधानीसे कार्य न करेगा तो एक स्थान पर विभिन्न सभ्यताओंके सांस्कृतिक परिज्ञानसे वंचित रह जायगा। खुदाईमें निकलनेवाले सुलेमानी मनके, प्राचीन शस्त्रास्त्र, पुराने कलापूर्ण बरतन, शिरस्त्राण, आभूषण और बालकोंके खिलौने आदि मृण्मूर्तियाँ वगैरह अनेक प्रकारका सामान निकलता है। कभी-कभी एक ही वस्तु ऐसी निकल पड़ती है जो इतिहासपर गहरा प्रकाश डालती है । इन समस्त विषयोंका परिज्ञान सुयोग्य शोधकके चरणोंमें बैठकर प्राप्त किया जा सकता है । यहाँ स्मरण रखना चाहिए कि कलाकार नतत्व-शास्त्रकी उपेक्षा न करें, क्योंकि मानव जातिकी विभिन्न Aho ! Shrutgyanam
SR No.034202
Book TitleKhandaharo Ka Vaibhav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1959
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy