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________________ पृष्ठ २६० २७१ २६१ २६२ રહર २६३ २६४ २६५ २७२ ५. विन्ध्यभूमिकी जैन-मूर्तियाँ पृष्ठ जैन-पुरातत्त्व २६६ कुछ जैन मूर्तियाँ यक्षिणीका व्यापक रूप २७० एक विशेष प्रतिमा शैव प्रभाव उष्णल कुण्ड तोरण द्वार २७१ राम-मन्दिर मानस्तंभ २७२ कुमार मठ रीवाँके जैन अवशेष उच्चकल्प (उचहरा) रामवन २८६ मैहर जसो २८८ ६. मध्यप्रदेशका बौद्ध पुरातत्त्व नागार्जुन २६६ तारादेवी वाकाटक ३०४ सोमवंशी शैव कब हुए ? ३१० तुरतुरिया श्रीपुर-सिरपुर ३१४ त्रिपुरीकी बौद्ध-मूर्तियाँ अवलोकितेश्वर मूर्तियोंकी प्राप्ति व निर्माणकाल ३१६ ७. मध्यप्रदेशका हिन्दू-पुरातत्व रोहणखेड़ ३४२ बाजनामठ बालापुर ३४२ भेड़ाघाट कौण्डिन्यपुर ३४३ पनागर केलझर ३४३ कटनी भद्रावती ३४४ कारीतलाई त्रिपुरी ३४५ बिलहरी गढ़ा ३४७ लक्ष्मण-सागर ३२१ धातु-प्रतिमाएँ ३२८ ३२६ ३३१ WWW बुद्धदेव ३४८८ ३४६ ३५२ ३५४ ३५४ ३५५ Aho ! Shrutgyanam
SR No.034202
Book TitleKhandaharo Ka Vaibhav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1959
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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