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________________ ( २६० ) भावप्रकाशनिघण्टुः भा. टी. । मसरो मधुरः पाके संग्राही शीतलो मधुः । कफपित्तास्रजिद्रक्षो वातलो ज्वरनाशनः ॥ ५२ ॥ मांगल्यक, मसूर, मांगल्य, मसूरिका यह मसूरके नाम हैं । इसका अंग्रेजी नाम Lentin है मसूर पाक में मधुर, संग्राही, शीतल, हल्का; कफ, पित्त और रक्तनाशक, रूक्ष, वातकारक और ज्वरनाशक है ॥ ५१ ॥ ५२ ॥ | आढकी । आढकी तुवरी चापि सा प्रोक्ताशनपुष्पिका । आढकी तुवरा रूक्षा मधुरा शीतला लघुः ॥ ५३॥ ग्राहिणी वातजननी वर्ण्या पित्तकफास्रजित् । .. भाढकी, तुवरी, शतपुष्पिका यह अरहर ( हरकर ) के नाम हैं इसका अंग्रेजी नाम Pigeon Pea है । प्राढकी - कसैली, रूक्ष, मधुर, शीतल, हल्की, ग्राही, वातकारक, वर्णकारक, पित्त, कफ और रक्तविकारको नाश करनेवाली है ॥ ५३ ॥ चणकः । चणको हरिमंथः स्यात्सकलप्रिय इत्यपि ॥ ५४ ॥ चणकः शीतलो रूक्षः पित्तरक्तकफापहः । लघुः कषायो विष्टं भी वातलो ज्वरनाशनः ॥५५ ॥ स चांगारेण संसृष्टस्तैलभृष्टश्च तद्गुणः । आर्द्राभृष्टो बलकरो रोचनश्च प्रकीर्तितः ॥ ५६ ॥ शुष्क भृष्टोऽतिरूक्षःस्याद्वापपित्तप्रकोपनः । स्विन्नः पित्तकफं हन्यात्सूपः क्षोभकरो मतः ॥५७॥ आर्द्राऽतिकोमलो रुच्यः पित्तशुक्रहरो हितः । कषायो वातलो ग्राही कफपित्तहरो लघुः ॥ ५८ ॥ चणक, हरिमंथ, सकल प्रिय यह खनेकेल हैं। इसे अंग्रेजी में Gram
SR No.034197
Book TitleHarit Kavyadi Nighantu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhav Mishra, Shiv Sharma
PublisherKhemraj Shrikrishnadas
Publication Year1874
Total Pages490
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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