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________________ [८३ ] इसमें अधिकतया विजयपभमूरिका ही ऐतिहासिक वृत्तान्त है। ... (४२) देवानन्दाभ्युदय महाकाव्य-इसको भी मेघ विजय उपाध्यायने बनाया है इसमें विजय देवमूरिका ऐतिहासिक वृत्तान्त है. (४३) झघडु चरित्र-इसके कर्ता श्रीमान् सर्वानंदसरि हैं इसमें झघडु शाहका जीवनचरित्र विस्तारपूर्वक दिया गया है, तथा और भी बहुत सी ऐतिहासिक बातेका उल्लेख है यह ग्रन्थ छप चुका है। (४४) सुकृतसागर-इसके रचयिता श्री रत्नम् ण्डन गणि हैं इसमें पेथड, झांझण तथा तपागच्छोय धर्म घोघसूरिका जीवन चरित्र है-इन इतिहास संबंधधी ग्रंथो के आधारपर ही ज्यादातर हिन्दु. स्थानका निर्वाह है वरन् अन्य संपदायोंमे ऐतिहासिक ग्रंथोकी बहुतही त्रुटि है । पूर्वोक ग्रंथामें किस किस देश यानरे साफा वर्णन है. फिप्स किस सम: यमे क्या क्या घटना बनी है उसका पता उन उन अयोसे ही लग सकता है । हां इतना तो जरुर है कि इन ऐतिहासिक ग्रन्थो केविषय विभागका सह Aho! Shrutgyanam
SR No.034195
Book TitleGirnar Galp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitvijay
PublisherHansvijay Free Jain Library
Publication Year1921
Total Pages154
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size5 MB
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