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________________ द्रव्यपरीक्षा उणतीस निवदेवी मुल्ले तोला ति सङ्घ चउमासा। घमडाह जकारीया अहुट्ट तोलाऽडवीस करे।।११७।। पढमा अलावदीणी सयगा समसीय चारि टंक सवा । इगसठ्ठि इक्कि टंकइ सत्तरि चउ टंक मोमिणिया ॥११॥ दुक सेला पंच रवा तोला तिय दिवढ मासओ रुप्पो। बत्तीस करिवि मुल्ले टंकइ इक्के वियाणिज्जा ॥११९।। तितिमीसि कुम्वखाणी खलीफती अधचंदा सिकँदरीया। नव टंक रुप्पु मुल्ले चउतीस करेवि इय समसी १२०॥ समसद्दीण सुयाणं रुकुणी पेरोजसाहि पणतीसं । तह बारसुत्तरी पुण इग मासा हीण तिय तोला ॥१२१ समसदि सुया सदीया तस्स रदी दुन्नि ढिल्लीय बुदउवा। सढ सोल पउण तेरह टंकक उणवीस इगतोसा ॥१२२।। नवगा पणगा मउजी* मासा नव सड्ड तोलओ इक्को। पणपन्न सोलहुतरी दुइ तोला मुल्लि पंचासं ।।१२३॥ ११७. नीव देवी मुद्रा में तीन तोला साढे चार मासा प्रतिशत चाँदी है एवं वह उनतीस के भाव है तथा धमडाहा जकारिया मुद्रा में तीन तोला छ मासा चांदी व टंके की अठाईस के भाव है। ११८. प्रथम अलावदीनी सतकासमसो मुद्रा में सवा चार टांक अर्थात् एक तोला पांच मासा प्रतिशत रोप्य एवं एक टंके-रुपये की इकसठ के भाव एवं मोमिनीअलाई में चार टांक अर्थात् एक तोला चार मासा चाँदी व टंके की सत्तर के भाव है। ११९. दुकसेला, पंचरवा (सेला समसी) मुद्रा में प्रतिशत तीन तोला डेढ मासा चाँदी है वह एक रुपये की बत्तोस के भाव जानना । १२०. तितिमीसी, कुव्वखानो, खलीफती, अधचंदा, और सिकन्दरी मुद्राओं में प्रतिशत नौ टांक अर्थात तीन-तीन तोला रौप्य एवं चौतीस के भाव ये समसी हैं। १२१. समसुद्दीन के पुत्रों की रुकनी, पेरोजसाही और बारहोत्तरी मुद्रा में प्रतिशत दो तोला ग्यारह मासा चाँदी एवं प्रति टंका पैंतीस के भाव है। १२२. समसदी की पुत्री रदिया (रजिया बेगम) की रदी मुद्रा दिल्ली और बदायूं की उभय टकसालों की है। रदी ढिल्लिका में साढे सोलह टांक अर्थात् पांच तोला छ: मासा और बुदोवा में पौने तेरह टांक अर्थात् चार तोला तीन मासा प्रतिशत चांदी है। दिल्ली की मुद्रा टंके की उन्नीस व बदायूँ की प्रति टंका इकतीस के भाव है। १२३. नवका और पनका नामक मउजी मुहामों में प्रतिशत एक तोला साढे नौ * मौजुद्दीन बहरामशाह (सन् १२४०-२) Aho! Shrutgyanam
SR No.034194
Book TitleDravya Pariksha Aur Dhatutpatti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakkar Feru, Bhanvarlal Nahta
PublisherPrakrit Jain Shastra Ahimsa Shodh Samsthan
Publication Year1976
Total Pages80
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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