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________________ सन् १८३८-सूची पुस्तक, कलकत्ता । - सन् १८४६-आटो बोटलिंक द्वारा निर्मित एश्याटिक म्यूज़ियम की सूची, सेंट पीटर्जबर्ग। सन् १८५७-६१-मद्रास बोर्ड आफ एग्जामिनर्ज़ के पुस्तकालय के प्राच्य हस्तलेखों की सूचियां, मद्रास, १८५७, १८६१ । सन् १८६५-बार० रोट द्वारा निर्मित सूची ( जर्मन भाषा में )। संस्कृत साहित्य की एक पूर्ण और बृहत् सूची की महत्ता का अनुभव करते हुए लाहौर के प्रसिद्ध पं० राधा कृष्ण ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा जिस में इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि भारत तथा योरप में उपलब्ध सारे संस्कृत साहित्य की विस्तृत और सर्वांगपूर्ण सूची का निर्माण किया जाए । इस के फलस्वरूप भारत सरकार ने इस कार्य के निमित्त प्रति वर्ष कुछ धन लगाने का निर्णय किया। इस का व्यय इन बातों के लिए निश्चित हुप्रा -(१) हस्तलेखों का खरीदना, (२) जो हस्तलेख खरीदे न जा सकें उन की प्रतिलिपि करवाना, (३) संस्कृत साहित्य की खोज और सूची निर्माण, और (४) एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल को उसके साहित्य प्रकाशन कार्य में सहायता देना । यह धन बंगाल बम्बई और मद्रास प्रांतों में बांट दिया गया। इस आयोजना के अनुसार जो सूचियां छपी उन में से कुछ नीचे दी आती हैं : बंगाल-- राजेन्द्रलाल मित्र-नोटिसिज़ अाफ़ संस्कृत मैनुस्क्रिप्टस, ६ भाग, कलकत्ता, १८७१-१८१८ । ३ भाग-१६००, १६०४, १६०७ । मित्र ने नेपाल के बौद्ध हस्तलेखों की और बीकानेर दरबार लाइब्रेरी की भी सूचियां बनाई थीं। देवीप्रसाद-अवध प्रांत की संस्कृत हस्तलिखित प्रतियों की सूचियां, अलाहाबाद, १८७८-१८६३ । हर प्रसाद शास्त्री-नोटिसिज़ आफ़ संस्कृत मैनुस्क्रिप्ट्स १०, ११ भाग १८६०, ६५, दूसरी सिरीज़ ४ भाग, कलकत्ता १८१८-१६११ । रिपोर्ट फार दि सर्च आफ़ संस्कृत मैनुस्क्रिप्ट्स, १८१५-१६००, १६०६ । इन्होंने सन् १६०५ में नेपाल दरबार की लाइब्रेरी के ताड़पत्र और कागज़ के प्रन्थों की सूची बनाई । बम्बई एफ० कील्होर्न ने १८६ में दक्षिण भाग के, १८७४ में मध्य प्रदेश के, १८८१ में सरकार द्वारा खरीदे हुए, और १८८४ में विश्रामबाग पूना के हस्तलिखित प्रन्यों की सूचियां तय्यार की। Aho I Shrutgyanam
SR No.034193
Book TitleBharatiya Sampadan Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulraj Jain
PublisherJain Vidya Bhavan
Publication Year1999
Total Pages85
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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