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________________ ( ६४ ) काली स्याही' - कागज़ पर लिखने की काली स्याही दो प्रकार की होती -पक्की और कच्ची । पक्की स्याही से पुस्तकें लिखी जाती हैं और कच्ची से साधारण काम लिया जाता है । पक्की स्याही बनाने के लिए मिट्टी की इंडिया में जल और पीपल की पिसी हुई लाख को डाल कर आग पर रख देते हैं। फिर इस में पिसा हुआ सुहागा और लोध मिलाते हैं । जब यह मिश्रित पदार्थ कागज पर लाल लकीर देने लगे तो इसे उतार कर छान लेते हैं । इस को अलता (अलक्तक ) कहते हैं । फिर तिलों के तेल के दीपक के काजल को बारीक कपड़े में बांध कर, इस में फिराते रहते हैं जब तक कि उस से काले अक्षर बनने न लग जावें । की स्याही काजल, कत्था, बीजाबोर और गोंद को मिला कर बनाई जाती है। भोजपत्र पर लिखने की स्याही बादाम के छिलकों के कायलों को गोमूत्र में उबाल कर बनाते हैं । लाल स्याही' - एक तो चलता, जिस की निर्माण विधि काली स्याही के विवरण में बतलाई गई है, लाल स्याही के रूप में प्रयुक्त होता है और दूसरे गोंद के पानी में घोला हुआ इिंगलू | हरी, पीली आदि स्याही सूखे हरे रंग को गोंद के पानी में हरी, हरिताक से पीली और जंगाल से जंगाली स्याही भी लेखक लोग केवल हरिताल का प्रयोग भी मिलता है । सोने और चांदी की स्याही' – सोने और चांदी के वरकों को गोंद के पानी में घोंट कर सुवर्णमयी और रजतमयी स्याहियां बनाई जाती थीं । इन स्याहियों से लिखने के पहले पत्रे काले या लाल रंग से रंगे जाते थे। कलम से लिख कर पत्रों को कौड़ी या अकीक आदि से घोंटते थे जिस से अक्षर चमक पकड़ लेते थे । प्रयोग की प्राचीनता - महिंजोदड़ो से एक खोखला पात्र मिला है जिस को मैके आदि विद्वान् मषीपात्र मानते हैं। निर्कस और कर्टियस के लेखों से भी पता चलता है कि भारत में विक्रम से तीन सौ वर्ष पूर्व भी स्याही का प्रयोग किया जाता था । मध्य एशिया से प्राप्त खरोष्ठी लिपि के लेख स्याही से लिखे हुए हैं-इन के आधार पर निश्चयपूर्वक कहा जा सकता है कि विक्रम की प्रथम शताब्दी में स्याही से लिखा जाता था । स्याही का प्राचीनतम लेख सांची के एक स्तूप से निकला है जो कम से १ भारतीय प्राचीन लिपिमाला पृ० १५४-६ Aho! Shrutgyanam घोल कर बनाते हैं ।
SR No.034193
Book TitleBharatiya Sampadan Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulraj Jain
PublisherJain Vidya Bhavan
Publication Year1999
Total Pages85
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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