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________________ विमर्शः प्रथमः 39 परिशिष्ट के आरम्भसिद्धेः सङ्क्षेपानुक्रमः ॥ द्वारम् १ तिथि २ नार 9. द्वितीय: ५ शि ६ गोचर तृतीयः ७ कार्य चतुर्थः पञ्चमः 13 समग्रम् ३ नक्षत्र ४योग ३ बुधस्वाम भात् भागिति ८ गम ९ वास्तु १० विलग्न ११ मिश्र ૧૧ x शुक्रस्वामी धन पणफर विस्थाम मुल शिष्य १९५ - २०० २०१ – २७८ २७८ परिशिष्टानि अ ब क ड पश्यतु पृ. ६५ सहन दुःधिकय ४ विक्रम/ आयोजिम चंद्रस्वामी उपचय प्रठाङ्काः १-१५ १६-२४ २५-३२ ३३-५७ ५८--८० ८०-९७ ९८--१३५ १३६ - १८० १८१ – १९४ पनफर ६ धीः त्रिकोण बुधस्यामो और आयोकिय उपचय वंधु अंधु सुहन्मंदिर केंद्र चतुष्ट्य कंटक पाताल हिबुक अम्बु सुख चतुर मातृभवन गृहमवन मंगल स्थायी तनु मूर्ति केंद्र चतुष्ट्य कंटक ज्ञायंत्रम प्र. १५ ८ २५ २३ १७ ३८ ४५ १४ ७ शुक्रस्वामी स्त्री काम जामित्र धुन धून अस्त लोकाः ६- १४ १५-२२ २३ - ३८ ३९-८४ ५९ बृहस्पति स्वामी (सदसद्) व्यथ आपोक्किम रिष्य Aho ! Shrutgyanam १-४३ ४४-७३ ६ ७८ । २७८ पृ. २७९ - २९२ १-८२ १-६४ ६५-८८ १-४ ५-८६ ४१३ → कर्म व्याकारमान केंद्र चतुष्ट्य कंटक मध्य मेपूरण व्याय उपचय น शिनैश्चर स्वामी आप बठाकर লटলआद सर्वतोभद्र शनैश्वर स्वामी उपचय १० बृहस्पति स्वामी धने माग्य आयोकिय वित्रिकोण दचतुष्ट्य कंटक कालस्वाम चिकोण विवाह र मृत्यु छिद्र वर्णकर अनायुः पानात कुख
SR No.034191
Book TitleArambh Siddhi Satik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdayprabhdevsuri, Jitendravijay
PublisherLabdhisuri Jain Granthmala
Publication Year1942
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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