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________________ जो महाशय सहायता करने को चाहे वे सहायता की रकम नीचे के पते पर भेज देनेकी कृपा करें। प्रकट होने तक जिन महाशयोंकी तर्फ से सहायता मिलेगी, उनकी सेवामें दर रू० २५) में इस ग्रन्थकी एक २ कापी, ग्रन्थ छप जाने पर, तुरन्त भेजी जायगी । और जिन महाशयों की अभीसे सहायता करनेकी सामर्थ्य या इच्छा न हो, किन्तु छपने पर इस ग्रन्थ को मंगाने की इच्छा हो, उनको चाहिये कि वे अभीसे ग्राहक श्रेणी में अपना नाम लिखाने के लिए हर एक कापीके लिए एडवांस के तौर पर पाँच रूपये नीचे के पते पर भेज दें जिससे उन लोगोंको भी २५) में एक कापी दी जायगी । ग्रन्थ प्रसिद्ध होनेके बाद ग्राहक होनेवालों के लिये इस ग्रन्थकी कीमत ३५) पड़ेगी । Scanned by CamScanner पता बाबू भैरवदानजी अमीचन्दजी, नं ० ३ मल्लिक स्ट्रीट, कलकत्ता ।
SR No.034164
Book TitleDravyanubhav Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChidanand Maharaj
PublisherJamnalal Kothari
Publication Year1978
Total Pages240
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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