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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७९ त्रिपुरावासरसिका त्रिपुराश्रीस्वरूपिणी । महापद्मवनांतस्था महात्रिपुरमालिनी ॥२५॥ महात्रिपुरसिद्धांवा महाश्री त्रिपुरांबिका । नवचक्रमहादेवी महात्रिपुरभैरवी ॥२६॥ श्रीमाता ललिता बाला राजराजेश्वरी तथा । उत्पत्तिस्थितिसंहारचक्रचक्र नवासिनी ॥२७॥ भूचक्रवासरसिका मेरुचक्रनिवासिनी । कालचक्रभ्रमोन्नद्धज्योतिश्चक्रप्रवर्तिनी ॥२८॥ अद्ध मेरुकचक्रस्था सर्वलोकमहेश्वरी । वल्मीकपूरमध्यस्था जंबूवननिवासिनी ॥२९॥ अनलाचक्रचक्ररथा व्याघ्रचक्रनिवासिनी । श्रीकालहस्तिनिलयाकाशोपुरनिवासिनी ॥३०॥ श्रमत्केलासनिलयाद्वादशांतमहेश्वरी । श्रीषोडशांतमध्यस्था सर्ववेदान्तलक्षिता ॥३॥ शृतिस्मृतिपुराणेतिहासागमकुलेश्वरी । भूतभौक्तितन्मात्रदेवता प्राणहन्मयी ॥३२॥ जीवेश्वरब्रह्मरूपो त्रिगुणाढया गुणात्मिका । अवस्थात्रयनिर्मुला वाप्रमोमा थहेश्वरी ॥३३।। गायत्री भूवनेशानी दुर्गा काल्यादिरूपिणी । मत्स्यकूर्मवराहादिनानोवेशविलासिनी ॥३४।। महायोगीश्वराराध्या महावीरवरप्रदा । सिद्धेश्वरकुलाराध्यश्रीमच्चारणभैरवा मौ: क्लीं ऐं श्रीं ह्रीं हे ॥३५॥ इति श्रीरुद्रयामले सौभाग्याष्टोत्तर नाम स्तोत्रम् ॥ अनेन श्रीसौभाग्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्रजपाखेन कर्मण्त भगवती श्रीराजराजेश्वरी महात्रिपुरसुंदरीदेवता त्प्रीयताम् । ॐ तत्स ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.034160
Book TitleVidyopasna
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherHimmatram Yagnik
Publication Year1987
Total Pages141
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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