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________________ ABCD 15 काम करूँगा, वह सेवा भाव से करूँगा। रोगी को मैं अपना बेटा समझँगा । ग्राहक को मैं अपना स्वजन समझँगा और उसके साथ अपने भाई जैसा व्यवहार करूँगा। पैसे कम मिलेंगे तो कोई बात नहीं, लेकिन पैसे के लिए मैं कभी अपना ईमान नहीं बेचूँगा। जो काम इस देश की जनता के हित में नहीं होगा, वह काम मैं कभी नहीं करूँगा। एक Zoo था। प्राणीबाग। उसमें एक चिम्पांजी भी था। उसके पिंजरे के पास बहुत भीड़ लगती थी। लड़कों को तो उसमें बहुत मजा आता था। एक दिन वह चिम्पांजी Off हो गया। पिंजरा खाली हो गया। लोग उसके बारे में पूछताछ करने लगे। Zoo वाले ने बहुत तलाश की परन्तु दूसरा चिम्पांजी नहीं मिला। वे टेन्शन में आ गए। अब करें तो क्या करें? दर्शक कम हो जाएँगे तो Zoo बंद कर देना पड़ेगा। कोई राह दिखाई नहीं दे रही थी। उसी समय एक युवक उनके पास आया, “मुझे नौकरी चाहिए। एकाउन्टिंग आदि कर सकता हूँ।” मैनेजर ने कहा, "हमें जरूरत नहीं है । " युवक ने कहा, “प्लीज़, दूसरा कोई भी काम दे दीजिए, प्युन का काम, साफ-सफाई का काम, कोई भी काम दीजिए, मुझे नौकरी की बहुत जरूरत है। " मैनेजर के मन में एक विचार आया। उसने कहा, "देखो, हमारे यहाँ वैसे तो कोई काम नहीं है, परन्तु हमारा चिम्पांजी Off हो गया है। हम तुम्हें Same वैसा ही Costume देंगे, जिसे पहनकर तू Exact चिम्पांजी ही लगोगे। Zoo time में तुम्हें Costume पहनकर पिंजरे में रहना पड़ेगा, उछल-कूद करना पड़ेगा, पेड़ पर झूलना पड़ेगा, लोग तुम्हें बिस्कुट आदि देंगे, वह तुम्हें खाना पड़ेगा और Time पूरा होगा तो तुम Costume बदलकर घर चले जाना। बोलो, यह काम करना है?" युवक को तो चक्कर आ गया। "मुझे बन्दर बनना पड़ेगा? बन्दर के खेल करने पड़ेंगे?” परन्तु उसे पैसे की बहुत जरूरत थी। उसने कहा, "हाँ, मुझे मंजूर है।" दूसरे दिन से उसकी duty शुरु हो गई । हर रोज कितनी बड़ी Audience मिलती थी, कितना कुछ खाने को मिलता था। वह उछल-कूद करके सबको हँसाता था, उसे तो मजा आ गया। एक बार उसके पिंजरे के पास कोई नहीं था, फिर भी वह उछल-कूद कर रहा था। वह जरा जोर से उछल पड़ा। उछलकर वह सीधा बगल वाले पिंजरे में जा गिरा। उस पिंजरे में सिंह था। वह युवक घबड़ा गया.... "मर गया.... अभी सिंह झपट्टा मारेगा और उसे फाड़कर खा जाएगा।" वह चिल्ला उठा, “बचाओ...बचाओ..." तभी सिंह ने जोर से दहाड़ मारी । दहाड़ सुनकर युवक का शरीर कांपने लगा। खेल
SR No.034140
Book TitleSanskar ABCD
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyam
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar
Publication Year2018
Total Pages16
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size1 MB
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