SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मौन लड़ाई हो या नोईज़ी लडाई हो। वीकी, सार्वजनिक क्षेत्र में अंग प्रदर्शन करना ये पहले के जमाने में भी नहीं था, ऐसा नहीं था। हजारो साल पहले भी था। लेकिन अच्छे खानदान की कुलीन कन्याओं में नहीं, वेश्याओं में था। आज कल खानदान कन्याये फैशन के नाम पर इस रास्ते पर जाती तो हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि यह रस्ता वेश्याओं का है। जिन्हें शादी करनी है. पारिवारिक जीवन जीना है. उनके लिये यह एक दम विपरीत रास्ता है। वीकी, माफ करना, ओपन बोल्डनेस वेश्यावृत्ति का ही आधुनिक नाम है। एक गृहिणी और वेश्या ये दोनों ऐसे छोर है जो एक दूसरे के साथ कहीं भी मिलते नहीं है। मेरी बात अगर तू माने तो उस का विचार छोड़ दे और किसी संस्कारी कन्या को पसंद कर ले।" "ये संभव नहीं है। मुझे वह पसंद है और मैंने ये तय कर लिया कि मैं उसी के साथ शादी करुंगा। तेरी बात में कुछ पोईन्ट तो है लेकिन अब ये सारी वातें आऊट ऑफ डेट हो चुकी हैं। सनी, तु समय को देख, सारा मैनिया देख, ये तो मैं हूँ, अगर कोई और होता तो तुझ पर हँसता और तुझे पागल कहता।" वीकी, तेरी इस बात के उत्तर में तुझे एक दूसरी महत्त्वपूर्ण बात कह देता हूँ। समय बदल गया है, लेकिन पुरुष नहीं बदला है। रास्ते चलते हुए और कॉलेज में आते हए हजारों पुरुष उस लड़की को देख रहे थे, तू भी उन में से एक था। सब लोग तो उसे देख रहे थे और देखेंगे, लेकिन तूने उसे पसंद कर लिया है। अब और लोग उसे देखेंगे तो तुझसे ये सहन नहीं होगा। जैसे ही तेरी सगाई होगी ये प्रश्न और भी जटिल बन जायेगा, इतना ही नहीं शादी के बाद ये एक ज्वलंत समस्या बन जायेगी, एकदम असहनीय। और हाँ, ऐसा होना एक दम नेचरल है, स्वाभाविक है। अपनी पत्नी को जब कोई छू जाता है वह जैसे असहनीय बन जाता है, उसी तरह कोई उसे बुरी नज़र से देखे, वही भी असहनीय बन जाता है। एक में स्पार्श (By touch) व्यभिचार है तथा एक में चाक्षुष (By eyes) व्यभिचार है। हजारों साल पहले का पति भी यह सहन नहीं कर सकता था, और आजका पति भी उसे सहन नही कर सकता है, फिर खुद चाहे कितना ही मोर्डन अथवा फोर्वर्ड क्यों न कहलाता हो ! हाँ ये भी एक बड़ा सवाल होता है कि उसकी बोल्ड पत्नी पर उसका कितना नियंत्रण है। अतः कितने ही पति मन ही मन सहम से जाते हैं अथवा मन ही मन जलते रहते हैं। कई लोगों का तो दाम्पत्य जीवन "स पोइन्ट" पर युद्ध का मैदान बन जाता है। हाँ, कई पति मूर्ख भी होते हैं जो चुपचाप अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं। लेकिन में जो बात कर रहा हूँ वह समझदार पुरुषों की है और तू भी उन में से एक है। वीकी, आज के पुरुष की हालत बहुत ही विचित्र है। वह मर्यादा बिना के व्यक्ति को पसंद करता है और फिर उस से सम्पूर्ण मर्यादा की अपेक्षा रखता है। जिस जीन्स और टिशर्ट को देख कर वह शादी करता है, वही शादी के बाद उसकी आँखों में खटकने लगती है। जो हंसी मजाक की आदत उसे पहले अच्छी लगती थी, आकर्षक लगती थी, वही आदत अब उसे असह्य लगती है। दूसरों के साथ कम मिलने-जुलने वाली, शर्मीली, संयमी लड़की उसे ओर्थोडोक्स लगती थी, लेकिन शादी के बाद - वह कहाँ गई थी, घर में कौन आया था? सेलफोन पर उसने किस-किस के साथ बातें की -- ये सारे प्रश्न उसका पीछा छोड़ते नहीं है। वीकी, तुझे पता है दुनिया के अल्ट्रा मार्डन पति भी अपनी पत्नी की अनेक तरह से जासूसी करते हैं और उस के लिए व्यवसायिक जासूसों का भी उपयोग करते हैं। “इस फोन नम्बर पर जो कोल्स हुए ही, उनकी टेप मुझे चाहिए।" फोन कम्पनियों के पास ऐसी मांग करने वाले पतियों की कोई कमी नहीं है।" "तू तो पुरुषों के विरुद्ध बोल रहा है।" “देख वीकी, ये सारी बातें न किसी के विरोध की है, और न ही किसी के पक्ष में हैं। ये सब स्वाभाविक बाते हैं। जो प्रकृति है, स्वभाव है, और जो दूर नहीं हो सकता है, उस बारे में बात हैं, इस में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि प्रकृति तो मर्यादा ही मांगती है। सुखी वैवाहिक जीवन या सुखी पारिवारिक जीवन मर्यादा के कारण ही संभव हो सकता है। हमारे हज़ारों वर्षों आप सगाई करें उससे पहले * - १९ ___Before you get Engaged
SR No.034136
Book TitleSagai Karne Pahele
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyam
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar
Publication Year2018
Total Pages34
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy