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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra क्र. सं. कवि का नाम १ पं. धनपाल २ वर्द्धमान सूरि ३ पल्ह कवि ४ श्रीजिनदत्तसूरि भक्त ५ धर्मसूरि शिष्य ६ श्री. लखरण (लक्ष्मण) ७ वज्रसेन सूरि ८ सिरिमा महतरा ६ प्रासिगु १० जिनपति सूरि शिष्य ११ १२ सुमति गरिण १३ शाह रयरण १४ कवि भत्तउ 31 21 33 31 १५ पाल्हरणु १६ जिनेश्वर सूरि १७ जिनेश्वर सूरि शिष्य " "" "" अनुक्रमणिका रचना का नाम ११वीं शताब्दी १ सत्यपुरीय महावीर उत्साह "" www.kobatirth.org बारहवीं शताब्दी Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २ वीर जिणेसर पारणउ ३ जिनदत्तसूरि स्तुति ४ श्री जिनदत्तसूरि स्तुति ५ धर्मसूरि बारह नावउं (बारहमासा) तेरहवीं शताब्दी ६ जिनचन्द्रसूरि काव्याष्टक ७ श्री भरहेसर बाहुबलि घोर जिनपतिसूरि बधामरणा गीत 5 17 पृष्ठ संख्या ६ चन्दनबाला रास १० बालाबबोध प्रकरण ११ शांतिनाथ रास १२ श्री नेमिनाथ रास १३ श्री जिनपति सूरि धवलगीत १४ श्री जिनपति सूरि गीत १५ नेमिबारहमासो रासो १६ श्री महावीर जन्माभिषेक: १७ श्री ग्रादिनाथ बोलिका १८ श्री वासुपूज्य बोलिका १६ २० शांतिनाथ बोलिका 31 For Private and Personal Use Only १ ४ ४ 27 9 9 ५ ε w १० ११ १२ १२ १३ १४ १५ १५
SR No.034112
Book TitleJain Maru Gurjar Kavi Aur Unki Rachnaye
Original Sutra AuthorAgarchand Nahta
Author
PublisherAbhay Jain Granthalay
Publication Year1975
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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