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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४८ १८६ कमल धर्म . २२१ चतुर्विशति जिनतीर्थमाला १६० धर्म समुद्र २२२ सुदर्शन चौपई १४२ १६१ विद्यारत्न २२३ मंगल कलश रास १४३ १९२ उ० हर्ष प्रिय २२४ शाश्वत सर्वजिन द्विपंचाशिका १४५ १६३ भाव उपाध्याय २२५ विक्रम चरित्र रास १४६ १६४ विनयसमुद्र २२६ विक्रम पंचदण्ड चौपइ २२७ नमिराजऋषि संधि १५० २२८ नमिराजऋषि कुतं २२६ चित्रसंभूति कुलक २३० इलापुत्र कुलक १५२ पूर्ति रूप संक्षिप्त विवरण २३१ साधु वंदना गाथा १०४ महिमा २३२ शील रास गाथा ४४ मोती० २३३ सिंहासन बतीसी चौपाई सं० १६११ बीकानेर अनुप० २३४ नल दवयंती चरित्र सं० १६१४ मोती० २३५ चौवीसी अभय २३६ बह्मचरी गाथा ५५ अनुप० १९५ पार्श्वचन्द्रसूरि २३७ चौवीसी अभय २३८. गच्छाचार पंचाशिका गाथा ५० अभय ० २३६ षडविंशति द्वार गभित वीर - स्तवन सं० गाथा ६५ अभय० १६६ अज्ञात २४० वाहणनु फाग गाथा १२ । सं० १५८७ प्र० १९७ पागम माणिक्य २४१ जिनहंस गुरु नवरंग फाग गाथा २७ For Private and Personal Use Only
SR No.034112
Book TitleJain Maru Gurjar Kavi Aur Unki Rachnaye
Original Sutra AuthorAgarchand Nahta
Author
PublisherAbhay Jain Granthalay
Publication Year1975
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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