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________________ जलता घर बहुत समय पुरानी बात है। किसी नगर में एक बहुत धनी व्यक्ति रहता था। उसका घर बहुत बड़ा था लेकिन घर से बाहर निकलने का दरवाज़ा सिर्फ एक था। एक दिन घर के किसी कोने में आग लग गई और तेजी से घर को अपनी चपेट में लेने लगी। धनी के बहुत सारे बच्चे थे - शायद 10 से भी ज्यादा। वे सभी एक कमरे में खेल रहे थे। उन्हें पता नहीं था कि घर में आग लग चुकी थी। आदमी अपने बच्चों को बचने के लिए उस कमरे की तरफ़ भगा जहाँ बच्चे खेल रहे थे। उसने उन्हें आग लगने के बारे में बताया और जल्दी से घर से बहार निकलने को कहा। लेकिन बच्चे अपने खेल में इतने डूबे हुए थे कि उनहोंने उसकी बात नहीं सुनी। आदमी ने चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि अगर वे घर से बाहर नहीं निकले तो आग की चपेट में आ जायेंगे! बच्चों ने यह सुना तो मगर वे स्तिथि की गंभीरता नहीं समझ सके और वैसे ही खेलते रहे। फ़िर उनके पिता ने उनसे कहा - "जल्दी बाहर जाकर देखो, मैं तुम सबके लिए गाड़ी भर के खिलोने लेकर आया हूँ! अगर तुम सब अभी बहार नहीं जाओगे तो दूसरे बच्चे तुम्हारे खिलौने चुरा लेंगे! इतना सुनते ही बच्चे सरपट भाग लिए और घर के बाहर आ गए। उन सबकी जान बच गई। इस कहानी में पिता बोधिप्राप्त गुरु है और बच्चे साधारण मानवमात्र।
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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