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________________ लिंकन की सहृदयता संयुक्त राज्य अमेरिका के महानतम राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन लोकतंत्र के मसीहा माने जाते हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले भी वे बहुत लोकप्रिय नेता थे। वे हमेशा जनमत का आदर करते थे। साधारण से साधारण व्यक्ति के अच्छे सुझाव को मान लेने में उन्हें संकोच नहीं होता था। १८६० की बात है। ग्रेस नामक एक ११ वर्षीय बालिका ने अपने पिता के कमरे में टंगी लिंकन की तस्वीर पर दाढ़ी बना दी। पिता बहुत नाराज़ हुए लेकिन ग्रेस ने कहा कि लिंकन के चेहरे पर दाढ़ी होती तो वे ज्यादा अच्छे लगते क्योंकि वे दुबले-पतले हैं। ग्रेस ने तय किया कि वह लिंकन को दाढ़ी रखने के लिए लिखेगी। उसने लिंकन को पत्र में लिखा - "चूंकि आप दुबले-पतले हैं इसलिए यदि आप दाढ़ी रख लें तो आप ज्यादा अच्छे दिखेंगे और आपके समर्थकों कि संख्या भी बढ़ जायेगी।" लिंकन ने ग्रेस को उसके सुझाव के लिए धन्यवाद का पत्र भेजा। कुछ दिनों बाद वे जब ग्रेस के नगर सो सभी ने उनका स्वागत किया। उन्होंने ग्रेस से मिलने कि इच्छा प्रकट की। ग्रेस से मिलने पर उन्होंने बड़े प्यार से उसे गले लगा लिया और बोले - "प्यारी बिटिया, देखो मैंने तुम्हारा सुझाव मानकर दाढ़ी रख ली है।" नन्ही ग्रेस खुशी से फूली न समाई। बाद में लिंकन की दाढ़ी उनकी खास पहचान बन गई। एक नन्ही बालिका के सुझाव को भी इतना महत्त्व देनेवाले लिंकन अमेरिका के कुछ ही ऐसे राष्ट्रपतियों में गिने जाते हैं जिनका सम्मान पूरी दुनिया करती है। 193
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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