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________________ ६ - और उनके लिये जो न तो बच्चे हैं, न किशोर, न युवा, और न प्रेमी... उनके लिये मैं यादें छोड़ता हूँ। सारी पुरानी कवितायें और गीत उनके हैं, उन्हें यह याद दिलाने के लिये कि उन्हें उन्मुक्त और भरपूर ऐसी जिंदगी जीना है जिसमें कुछ बकाया न रह गया हो। उनके लिये जो न तो बच्चे हैं, न किशोर, न युवा, और न प्रेमी... उनके लिये यही काफी है कि वे इस दुनिया को जानते रहें, समझते रहें... यह दुनिया असीम है। ***** विलिस्टन फिश की इस वसीयत को The Hobo's will या The Last Will of Charles Launsbury भी कहते हैं। यह पहली बार एक पत्रिका में १८९८ में प्रकाशित हुई। इसके कई वर्ज़न हैं। यहाँ इसके अनुवाद में मैंने कुछ स्वतंत्रता ली है। 121
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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