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________________ बूढा आदमी और सुनार एक बूढा आदमी एक सुनार के पास किसी काम से गया। उसने सुनार से कहा - "क्या तुम मुझे अपनी सोना तौलनेवाली तराजू कुछ समय के लिए दे सकते हो? मुझे अपना सोना तौलना है।" सुनार ने जवाब दिया - "माफ़ करें, मेरे पास छन्नी नहीं है।" "मेरा मजाक मत उड़ाओ" - बूढा बोला - "मैंने तुमसे तराजू माँगी है, छन्नी नहीं!" "लेकिन मेरे पास झाडू भी नहीं है" - सुनार बोला। "अरे भाई, बहरे हो क्या?" - बूढा झल्ला कर बोला। "मैं बहरा नहीं हूँ दादाजी, मैंने सब सुन लिया" - सुनार बोला - "बुढापे के कारण आपके हाथ कांप रहे हैं और और आपका सोना इतने बारीक टुकडों में है। अगर आप इसे तौलोगे तो यह जमीन पर बिखर जाएगा। फ़िर आप इस उठाने के लिए मुझसे झाडू मांगोगे और उसके बाद धूल-मिट्टी से सोना अलग करने के लिए छन्नी मांगोगे"। 118
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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