SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 116
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * अलार्म घड़ी को पलंग से दूर रखें - यदि आप अपनी घड़ी या मोबाइल में अलार्म लगाकर उसे सिरहाने रखते हैं तो सवेरे तय समय पर अलार्म बजने पर आप उसे बंद कर देते हैं या स्नूज़ कर देते हैं। उसे पलंग से दूर रखने पर आपको उसे बंद करने के लिए उठना ही पड़ेगा। एक बार आप पलंग से उतरे नहीं कि आप अपने पैरों पर होंगे! अब पैरों पर ही बनें रहें और काम में लग जायें। * अलार्म बंद करते ही बेडरूम से निकल जायें - अपने दिमाग में बिस्तर पर फ़िर से जाने का ख्याल न आने दें। कमरे से बाहर निकल जायें। मेरी आदत है कि मैं उठते ही बाथरूम चला जाता हूँ। बाथरूम से निकलने के बाद ब्रश करते ही दिन शुरू हो जाता है। ___* उधेड़बुन में न रहें - यदि आप सोचते रहे कि उठें या न उठें तो आप उठ नहीं पाएंगे। बिस्तर पर जाने का ख्याल मन में आने ही न दें। * अच्छा कारण चुनें - सुबह-सुबह करने के लिए कोई ज़रूरी काम चुन लें। इससे आपको जल्दी उठने में मदद मिलेगी। मैं सवेरे ब्लॉग पर लिखना पसंद करता हूँ - यह मेरा कारण है। जब यह काम हो जाता है तब मैं आपके कमेंट्स पढ़ना पसंद करता हूँ। * जल्दी उठने को अपना पारितोषक बनायें - शुरू में यह लग सकता है कि आप जल्दी उठने के चक्कर में खुद को सता रहे हैं। लेकिन यदि आपको इसमें आनंद आने लगा तो आपको यह एक उपहार/पुरस्कार लगने लगेगा। मेरा पारितोषक है गरमागरम कॉफी बनाकर किताब पढ़ना। स्वादिष्ट नाश्ता बनाकर खाना या सूर्योदय देखना या ध्यान करना आपका पारितोषक हो सकता है। कुछ ऐसा ढूंढें जिसमें आपको वास्तविक आनंद मिलता हो और उसे अपनी प्रातः दिनचर्या का अंग बना लें। ___ * बाकी बचे हुए समय का लाभ उठायें - सिर्फ १-२ घंटा पहले उठकर कम्प्युटर पर ज्यादा काम या ब्लॉगिंग करने में कोई तुक नहीं है। यदि यही आपका लक्ष्य है तो कोई बात नहीं। जल्दी उठकर मिले अतिरिक्त समय का दुरुपयोग न करें। अपने दिन को बेहतर शुरुआत दें। मैं बच्चों का लंच बनाता हूँ, दिन में किए जाने वाले कामों की योजना बनाता हूँ, कसरत/ध्यान करता हूँ, पढता हूँ। सुबह के ६:३० तक तो मैं इतना कर चुका होता हूँ जितना दूसरे कई लोग दिनभर में करते हैं। 115
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy