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दशम अनुवाक ३५. गृहागत अतिथिको आश्रय और अन्न देनेका विधान एवं उससे
प्राप्त होनेवाला फल, तथा प्रकारान्तरसे ब्रह्मकी उपासनाका । वर्णन
.. २१८ . ३६. आदित्य और देहोपाधिक चेतनकी एकता जाननेवाले उपासकको मिलनेवाला फल . ....
.: २२९. '३७. ब्रह्मवेत्ताद्वारा गाया जानेवाला साम ३८. शान्तिपाठ
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