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________________ लवम अनुवाक ११. अत्तादि शुभ कर्मोकी अवश्यकर्त्तव्यताका विधान दशम अनुवाक १२. त्रिशङ्कुका वेदानुवचन एकादश अनुवाक १३. वेदाध्ययनके अनन्तर शिष्यको आचार्यका उपदेश १४. मोक्ष-साधनकी मीमांसा द्वादश अनुवाक ब्रह्मानन्दवल्ली प्रथम अनुवाक १५. ब्रह्मानन्दवल्लीका शान्तिपाठ ..... ... ८२ १६. ब्रह्मज्ञानके फल, सृष्टिक्रम और अन्नमय कोशरूप पक्षीका वर्णन ... ८४ द्वितीय अनुवाक १७. अन्नकी महिमा तथा प्राणमय कोशका वर्णन ... ११२ तृतीय अनुवाक १८. प्राणकी महिमा और मनोमय कोशका वर्णन ... ११८ चतुर्थ अनुवाक . १९. मनोमय कोशकी महिमा तथा विज्ञानमय कोशका वर्णन ... १२६ पञ्चम अनुवाक २०. विज्ञानकी महिमा तथा आनन्दमय कोशका वर्णन . ... १२९ ...पष्ठ अनुवाक २१. ब्रह्मको सत् और असत् जाननेवालोंका भेद, ब्रह्मज्ञ और अनाशकी ब्रह्मप्राप्तिके विषयमें शङ्का तथा सम्पूर्ण प्रपञ्चरूपसे ब्रह्मके स्थित होनेका निरूपण ... १३८ सप्तम अनुवाक २२. ब्रह्मकी सुकृतता एवं आनन्दरूपताका तथा ब्रह्मवेत्ताकी अभयप्राप्तिका वर्णन अष्टम अनुवाक २३. ब्रह्मानन्दके निरतिशयत्वकी मीमांसा २४. ब्रह्मात्मैक्य-दृष्टिका उपसंहार नवम अनुवाक २५. ब्रह्मानन्दका अनुभव करनेवाले विद्वान्की अभयप्राप्ति
SR No.034106
Book TitleTaittiriyo Pnishad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGeeta Press
PublisherGeeta Press
Publication Year1937
Total Pages255
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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