SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 85
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विचारता है. विचार करता चला जाता है, और स्वप्न पर स्वप्न देखता रहता है दिन-रात, सा साल व्यतीत होते जाते हैं, सत्तर वर्ष तक। जरा सोचो तो। बस इतना ही है तुम्हारा जीवन। निस्संदेह व्यक्ति बुढ़ापे से भयभीत हो जाता है। समय गुजर रहा है। असंदिग्ध रूप से व्यक्ति स्वभावत: मृत्यु से भयभीत हो जाता है। मृत्यु किसी भी क्षण आ सकती है। और तुम बस सिर में चक्कर काट रहे हो। किसी और स्थान पर तो तुम गए ही नहीं, जीवन का सारा परिक्षेत्र अस्पर्शित ही रह गया। जीयो अपने सारे शरीर में गतिशील हो। इसे गहन प्रेम से स्वीकारो अपने शरीर के साथ करीब-करीब प्रेम में ही पड़ जाओ। यह एक दिव्य भेंट, वह मंदिर है जहां परमात्मा ने बसने का निर्णय लिया है। फिर वृद्धावस्था का कोई भय नहीं रहेगा; तुम परिपक्व होने लगोगे। तुम्हारे अनुभव तुम्हें परिपक्व करेंगे फिर वृद्धावस्था एक रोग की भांति नहीं होगी, यह एक सुंदर घटना होगी। सारा जीवन इसी के लिए तैयारी है। यह रुग्णता कैसे हो सकती है? सारे जीवन तुम इसकी ओर अग्रसर हुए हो। यह शिखर है, वह अंतिम गीत और नृत्य जो तुम संपन्न करने जा रहे हो। और कभी किसी चमत्कार की प्रतीक्षा मत करो। तुम्हीं को कुछ करना पड़ेगा। मन कहता है कि ऐसा कुछ या वैसा कुछ होगा और फिर सब कुछ ठीक हो जाएगा। यह इस प्रकार से नहीं होने जा रहा है। चमत्कार नहीं घटते। मैं एक कहानी सुनाता हूं: एक दुर्घटना में एबी की दोनों टांगें टूट गईं। हड्डियां जोड़ दी गईं और एबी ने जिम्मेवार बीमा कंपनी पर क्षतिपूर्ति के लिए दावा दायर कर दिया। उसका आरोप था कि वह सदा के लिए अपाहिज हो गया है और अब उसे सारी जिंदगी व्हील चेयर पर गुजारनी पड़ेगी। बीमा कंपनी ने परिस्थिति का जायजा लेने के लिए शल्य चिकित्सकों को नियुक्त किया। उन्होंने रिपोर्ट दी कि हडियां पूरी तरह से ठीक हो चुकी हैं, कि एबी कोहेन अब चलने में समर्थ हैं, और वे केवल बहानेबाजी कर रहे हैं। फिर भी जब यह मुकदमा अदालत में पहुंचा तो न्यायाधीश को व्हील चेयर पर बैठे इस बेचारे पर दया आ गई और उसने क्षतिपूर्ति के रूप में दस हजार पाउंड की राशि दिए जाने का आदेश कर दिया। एबी अपने लिए चैक लेने व्हील चेयर से ही मुख्यालय पहुंचा। 'मिस्टर कोहेन, मैनेजर ने कहा, यह मत सोचना कि तुम बच कर निकल जाओगे। हम जानते हैं कि तुम बहानेबाजी कर रहे हो। और मैं तुम्हें बता दूं कि हम तुम्हारे लिए एक बड़ी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रात-दिन हम तुम्हारे ऊपर निगाह रखने वाले हैं। हम तुम्हारे फोटो खींचते रहेंगे और अगर हमने सबूत पेश कर दिया कि तुम चल-फिर सकते हो, तो न केवल तुम्हें क्षतिपूर्ति वापस करनी होगी बल्कि झूठी शपथ लेने का परिणाम भी भुगतना होगा।
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy