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योगियों की समाधियों के आस-पास... भारत में जिन्होंने समाधि उपलब्ध कर ली है उनके शरीर को छोड़ कर हम सभी के शरीर जला देते हैं। हम एक निश्चित कारण से उनका शरीर नहीं जलाते। जब शरीर को जला दिया जाता है तो बायो प्लाज्मा पृथ्वी से दूर जाने लगता है। तुम इसे कुछ दिन
अनुभव कर सकते हो, लेकिन फिर यह ब्रह्मांड में विलीन हो जाता है। लेकिन यदि भौतिक शरीर बचा हुआ हो तो बायो प्लाज्मा इससे जुड़ा रह सकता है और ऐसे व्यक्ति का जो समाधि को उपलब्ध कर चुका है, जो सबुद्ध हो चुका है, यदि उसका बायोप्लाज्मा उसकी समाधि के आस-पास रह . सके, तो इससे बहुत से व्यक्ति लाभान्वित होंगे। इसी भांति कई लोगों ने अपने गुरु को देहत्याग के बाद साकार देखा है।
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अरविंद आश्रम में, अरविंद के शरीर को विनष्ट नहीं किया गया, जलाया नहीं गया, समाधि में रखा गया है। कई लोगों का अनुभव है कि जैसे उन्होंने अरविंद को इसके आस-पास देखा है या कभीकभी उन्होंने, अरविंद जिस प्रकार चला करते थे, वैसी ही पदचाप सुनी है और कभी-कभी वे उनके सम्मुख आ खड़े होते हैं। ये अरविंद नहीं हैं, यह बायोप्लाज्मा है। अरविंद तो जा चुके, लेकिन बायोप्लाज्मा, प्राणमय कोष, सदियों तक बना रह सकता है। यदि कोई व्यक्ति अपने प्राणमय कोष के साथ सच में ही लयबद्ध था, तो यह बना रह सकता है। यह अपना निजी अस्तित्व बनाए रख सकता है। स्वाभाविक श्वसन क्रिया समझ लेनी चाहिए। छोटे बच्चों को देखो, वे स्वाभाविक ढंग से श्वास लेते हैं। यही कारण है कि वे ऊर्जा से इतने भरपूर होते हैं। मां-बाप थक जाते है, परंतु वे नहीं थकते।
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एक बच्चा दूसरे बच्चे से कह रहा था, मुझमें इतनी ऊर्जा है कि मेरे जूते सात दिन में ही फट जाते हैं। दूसरा बोला यह तो कुछ भी नहीं, मेरे अंदर इतनी ऊर्जा है कि मेरे कपड़े तीन दिन में पहनने : लायक नहीं रहते हैं।
तीसरे ने कहां. यह भी कुछ नहीं है, मैं तो ऊर्जा से इतना ओतप्रोत हूं कि एक घंटे में ही मेरे मातापिता हताश हो जाते हैं।
अमरीका में उन्होंने एक ऐसा प्रयोग किया कि एक अत्यांधिक ऊर्जावान व्यक्ति, जिसकी पहलवान जैसी देह थी और जो बहुत शक्तिशाली था, से एक छोटे से बच्चे की नकल करने को और उसका अनुसरण करने को कहा गया। जो कुछ भी बच्चा करे, पहलवान को वही करना था, बस आठ घंटे तक उसकी नकल उतारना था। चार घंटे में ही पहलवान की हालत पतली हो गई, वह थक कर गिर पड़ा, क्योंकि बच्चे ने इसका बहुत आनंद लिया और उसने, उछलना, कूदना, चीखना, चिल्लाना शुरू कर दिया। और पहलवान को तो उसकी नकल करना ही था। पहलवान शिथिल पड़ गया, वह बोला, वह मुझे मार ही डालेगा, आठ घंटे? मैं नहीं बर्क अब मैं और कुछ नहीं कर सकता। वह एक महान मुक्केबाज था, लेकिन मुक्केबाजी एक अलग बात है तुम एक बच्चे से मुकाबला नहीं कर सकते।