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________________ म एक चीज को बहुत गंभीरता से लेता हूं चुटकुलों को मैं बहुत गंभीरता से लेता हूं। और इस पर तो तुमने भी जरूर ध्यान दिया होगा। जब मैं कोई चुटकुला सुनाता हूं तो मैं कभी नहीं हंसता हूं मैं वास्तव में इसे गंभीरता से लेता हूं। चुटकुले के सिवाय संसार' में और कुछ भी गंभीर नहीं है। प्रश्न: अगर मुल्ला नसरुद्दीन अश्रम में आ जाए, तो क्या आप उन्हें किसी समूह-चिकित्सा में सम्मिलित करेंगे? या आप उनसे उनका खुद का समूह चलाने को कहेंगे? यदि ऐसा हो तो यह समूह किस प्रकार का होगा? मने पहले भी ऐसा किया है, लेकिन बात नहीं बनी। मुल्ला नसरुददीन तो नेताओं का नेता है, उसे केसी समह में भागीदार की भांति नहीं रखा जा सकता। उसका अहंकार ऐसा नहीं होने देगा। मैंने उससे पूछा था, उसने कहा, ठीक है, आप मुझे नेता बना सकते हैं। मैंने उसे एक अवसर दिया, एक तीन दिवसीय ग्रुप; और सारे मूढ़ और सारे बुद्धिमान लोग भागीदारी के लिए एकत्रित हो गए। क्योंकि मल्ला नसरुददीन में दोनों प्रकार के लिए आकर्षण है। जो मुर्ख हैं वे उसे मूर्ख समझते हैं, जो बुद्धिमान हैं वे उसे बुद्धिमान व्यक्ति समझते हैं। वह होशियार है या वह सीमा पर है-वह दोनों ओर खड़ा हुआ है। उसे एक मूर्ख की तरह प्रस्तुत किया जा सकता है; उसकी कभी भी हुए सर्वाधिक बुद्धिमान व्यक्ति की तरह भी व्याख्या की जा सकती है। वह समूह के सम्मुख खड़ा हुआ और बोला, क्या आपको पता है कि मैं आपको क्या सिखाने जा रहा निसंदेह प्रत्येक व्यक्ति ने कहा. हमें कैसे पता होगा? हम नहीं जानते। उसने कहा. यदि आपको यह नहीं पता, इतना भी नहीं पता, तो मैं कुछ नहीं सिखाऊंगा, क्योंकि आप लोग इस योग्य नहीं हैं। वह चला गया। अगले दिन मैंने उसे फिर से राजी किया। पुन. वह वहां गया और भागीदारों से पूछा, क्या आप जानते हैं, मैं क्या सिखाने जा रहा हूं?
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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