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________________ अरे अब मान भी जाओ भाई', बीस ने समझाया, 'मैं जानता हूं कि कभी-कभी मैं थोड़ा सा बदमिजाज हो जाता हूं लेकिन यह तो तुमको मानना ही पड़ेगा कि मेरा दिमाग बहुत जल्दी ठंडा हो जाता है।' 'यह सच है श्रीमान, लेकिन यह भी सच है कि जैसे ही यह ठंडा होता है वैसे ही तुरंत गर्म होने लगता है।' लेकिन इस प्रकार का व्यक्ति कभी हत्यारा नहीं हो सकता। वह कभी उतनी भाप एकत्रित नहीं करता। वे लोग जो जल्दी से भावुक हो जाते हैं भले लोग होते हैं। वे बहुत नियंत्रित नहीं हो सकते हैं, वे चीख सकते हैं और रो सकते हैं और हंस सकते हैं, किंतु वे भले लोग हैं। उनके साथ रहना किसी धार्मिक व्यक्ति, नैतिक, शुद्धतावादी, बहुत सम्हालने वाले नियंत्रित व्यक्ति से कहीं अधिक बेहतर है। वह व्यक्ति खतरनाक होता है। अभी कुछ दिन पहले ही तीर्थ के एनकाउंटर-ग्रुप, समूह-चिकित्सा में एक युवक भागीदारी कर रहा था। उसने कई वर्ष अकीदो का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। अब अकीदो, को, कराटे और जुजुत्सु की सभी विधियां नियंत्रण की शिक्षाएं हैं। तुम्हें अपने आपको इस कदर नियंत्रण में रखना पड़ता है कि तुम लगभग एक मूर्ति जैसे हो जाते हो, इतने नियंत्रित कि तुम्हें कोई उत्तेजित नहीं कर सकता। अब इस युवक ने एनकाउंटर-ग्रुप में भाग लिया। अब एनकाउंटर-मूप का विधि-विज्ञान पूर्णत: भिन्न है। जो कुछ भी तुम्हारे भीतर है उसे बाहर निकालना है। कभी इसको संचित मत करो। अभिव्यक्त करो, निकल जाने दो, रेचन कर दो। एनकाउंटर और अकीदो, दो पूर्णत: परम विरोधी बातें हैं। अकीदो कहता है : नियंत्रण करो, क्योंकि अकीदो का प्रशिक्षण योदधा बनाने के लिए प्रशिक्षण है। सभी जापानी प्रशिक्षण तुमको महान योद्धा बनाने के लिए हैं, और निश्चित रूप से उन्होंने ऐसी विधियां विकसित कर ली हैं जो आत्यंतिक रूप से खतरनाक हैं। लेकिन उनको ऐसा होना ही था, क्योंकि जापानी बहुत छोटे लोग हैं। उनकी लंबाई बहुत कम होती है, और उन्हें ऐसे लोगों से संघर्ष काना पड़ा जो उनसे डीलडौल में कहीं अधिक बड़े थे। उन्हें ऐसे उपाय निर्मित करने पड़े जिनके दवारा वे स्वयं को स्वयं से अधिक बड़े लोगों, शक्तिशाली लोगों से अधिक बलशाली सिद्ध कर सकें, और उन्होंने वास्तव में ऐसे उपाय खोज लिए। तुम्हारे भीतर की प्रत्येक ऊर्जा को नियंत्रण में कर लेना एक उपाय है। ऐसा करने से ऊर्जा संगहीत हो जाती है। इसलिए जापानी और चीनी लोग बहुत नियंत्रण और अनुशासन में जीते रहे हैं। वे खतरनाक हैं। एक बार वे तुम्हारे ऊपर आक्रमण कर दें, फिर वे तुमको जिंदा नहीं छोड़ेंगे। सामान्यत: वे तुम पर आक्रमण नहीं करेगे, किंतु एक बार वे तुम पर आक्रमण कर दें, तो तुम यह निश्चित मान सकते हो कि वे तुमको मार डालेंगे। तो यह व्यक्ति जो अकीदो में गहनता से संलग्न रहा था, अब एनकाउंटर-ग्रुप में था, और तीथ भीतर छिपी हई चीजों को बाहर लाने के लिए उससे आग्रह कर रहा था, और वह ऐसा नहीं करेगा। उसका
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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