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________________ लोग स्तंभित रह गए। उन्होंने अपमान अनुभव किया कि वे अपनी सहानुभूति दिखाने आए थे और यह मूर्ख दर्शनशास्त्र की बातें कर रहा है। इसलिए यह अच्छा रहा, इस आदमी को सजा मिलनी चाहिए थी, और देवता लोग सदैव ठीक करते हैं। लेकिन पंद्रह दिन बाद घोड़ा वापस लौट आया। इसको चुराया नहीं गया था, यह जंगल में भाग गया था। और इसके साथ बारह और घोड़े आ गए थे-जंगली घोड़े, बहुत सुंदर, बहुत बलशाली। सारा नगर एकत्रित हो गया। उन्होंने कहा, यह का आदमी अवश्य कुछ जानता है, वह ठीक कह रहा था, यह कोई आपदा नहीं थी, हम गलत थे। और वे बोले, हमें खेद है। हम पूरी परिस्थिति को समझ नहीं सके, लेकिन यह एक बड़ा आशीष है। न केवल तुम्हारा घोड़ा वापस आ गया, लेकिन बारह और घोड़े! और हमने इतने सुंदर और बलशाली घोड़े कभी नहीं देखे। तुम बहुत सा धन एकत्रित कर लोगे। उस वृद्ध व्यक्ति ने पुन: कहा, इसकी चिंता मत लो कि यह आशीष है या आपदा। कौन जाने? भविष्य अज्ञात है, और हमें तब तक कुछ नहीं कहना चाहिए जब तक कि हमें भविष्य शांत न हो। तुम फिर वही गलती कर रहे हो। बस इतना कहो, घोड़ा वापस आ गया है, और बारह अन्य घोड़ों के साथ वापस आया है, बस बात खत्म। उन्होंने कहा, अब हमको मुर्ख बनाने का प्रयास मत करो। हम जानते हैं कि तुमने इन घोड़ों के रूप में सारा धन एकत्रित कर लिया है। लेकिन एक सप्ताह बाद उस के व्यक्ति का एकमात्र पुत्र जो एक घोड़े को सिखा रहा था, जंगली घोड़े को साधने का प्रयास कर रहा था, वह घोड़े से गिर पड़ा। उसको बहुत चोटें आईं, अनेक हड्डियां टूट गईं। उस के आदमी का वह एक मात्र सहारा था। और लोगों ने कहा, यह का आदमी जानता है, वास्तव में उसे पता है... अब यह एक बड़ी आपदा है। घोड़े का ऐसे आना एक दुर्भाग्य हो गया। उसकी वृद्धावस्था का एकमात्र सहारा, उसका पुत्र, अब करीब-करीब मरने जैसी हालत में है। वह के व्यक्ति को सहारा दिया करता था, अब उस के व्यक्ति को युवक की सेवा करनी पड़ेगी, क्योंकि वह तो अपनी पूरी जिंदगी अब बिस्तर पर काटेगा। और उस युवक का तो बस अभी विवाह होने जा रहा था। अब तो विवाह भी असंभव हो जाएगा। और वे पुन: एकत्रित हो गए, और फिर से वे बोले, और उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा, तुमको कैसे बताया जाए? तुम लोग बार-बार वही काम किए चले जाते हो। केवल इतना कहो कि मेरे युवा पुत्र की अनेक हड्डियां टूट गई हैं, बस बात समाप्त। भविष्य में क्यों जाते हो? तुम इतनी तेजी से भविष्यकाल में क्यों पहुंच जाते हो? और तुम लोगों ने देखा है कि इन दिनों बार-बार तुमने जो विचार प्रकट किए थे, वे गलत थे, लेकिन फिर भी बार-बार तुम वर्तमान से हट जाते हो और मूल्यांकन करना आरंभ कर देते हो। और ऐसा हुआ कि कुछ दिन बाद उस देश का पड़ोसी देश से युद्ध कि गया और नगर के सारे युवकों को बलपूर्वक सेना में भर्ती कर लिया गया। केवल इस बूढ़े आदमी का पुत्र बच गया क्योंकि
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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