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________________ करती हैं, बादल आते हैं, और तूफान आते हैं, और एक छोटा सा बीज अकेले ही सारे संसार के विरुद्ध संघर्ष कर रहा है। वहां बच्चे हैं, वहां जानवर हैं, और वहां माली हैं, और सामना करने के लिए लाखों समस्याएं हैं। बीज विधापूर्वक रह रहा था, वहां कोई समस्या नहीं थी : न हवा, न मिट्टी, न जानवर-कुछ भी समस्या नहीं थी। यह अपने आप में पूरी तरह से बंद था; बीज संरक्षित था, सुरक्षित था। इसलिए तुम हिमालय की किसी गुफा में जा सकते हो : तुम एक बीज रह जाओगे। तुम अंकुरित नहीं होगे। वे हवाएं तुम्हारे विरोध में नहीं हैं, वे तुमको एक अवसर देती हैं, वे तुम्हें एक चुनौती देती हैं, वे तुम्हें गहराई से जड़ें जमा लेने का एक अवसर देती हैं। वे तुम्हें अपनी जमीन पर दृढ़तापूर्वक खड़े होने को और कड़ी टक्कर देने को कहती हैं। यह तुमको सबल बनाता है। तुम देखते हो, यहां एक यूकेलिप्टस का एक वृक्ष है। बस उसे बचाने भर को मुक्ता ने जब यह वृक्ष छोटा था तो इसके बराबर में एक बांस लगा दिया था। अब यह इतना लंबा हो गया है, लेकिन अब यह अपने आप खड़ा नहीं हो सकता। बांस अभी भी वहां पर है, और अब यह असंभव प्रतीत होता है, एक बार तुम बांसों को हटा लो पूरा वृक्ष गिर पड़ेगा। सुरक्षा खतरनाक सिद्ध हो जाएगी। अब यह वृक्ष सुरक्षा का आदी हो चुका है। इसकी शक्ति में विकास नहीं हुआ है, यह बचकाना रह गया है। चुनौतियां विकास के अवसर हैं और जीवन में प्रेम से बड़ी कोई चुनौती नहीं है। यदि तुम किसी को प्रेम करो, तो तुम अत्याधिक अनिश्चितता में हो जाते हो। प्रेम, जिस तरह तुम्हारे कवि कहा करते हैं पूरा गुलाबों की सुगंध से भरा हुआ नहीं है; वे सभी मूर्ख हैं। उन्होंने प्रेम के बारे में स्वप्न देखे होंगे, लेकिन उन्होंने कभी इसे जाना नहीं। यह कोई फूलों की सेज नहीं है। इसमें जितनी तुम कल्पना कर सकते हो उससे अधिक कांटे हैं। गुलाब तो दुर्लभ हैं, यहां और वहा हैं, लेकिन कांटे लाखों हैं। लेकिन जब लाखों कांटों के बीच से एक गलाब खिलता है तो इसका अपना सौंदर्य होता है। जीवन में प्रेम सबसे बड़ा खतरा है। इसीलिए मैं जोर देता हूं कि यदि तुम वास्तव में विकसित होना चाहते हो तो इस सबसे बड़े खतरे प्रेम को स्वीकार करो और इसमें उतर जाओ। लोगों ने इससे बचने के अनेक उपाय खोजने के प्रयास किए हैं। कुछ ने संसार छोड़ दिया है। तुम संसार से इतने भयभीत क्यों हो? संसार का भय वास्तव में प्रेम का भय है, क्योंकि जब दूसरे वहां हैं तो संभावना यह है कि तुम किसी के प्रेम में पड़ सकते हो। चारों ओर इतनी अधिक सुंदर आत्माएं, इतने अधिक आकर्षण हैं; तुम कहीं भी फंस सकते हो। खतरा है... भागो! कुछ लोग आश्रमों में भाग गए हैं, कुछ लोग अन्य उपायों से भागे हैं। कुछ लोग विवाहों से भागे हैं। यह भी एक पलायन है। आश्रम एक पलायन है और विवाह भी एक पलायन है-प्रेम से बचने के लिए।
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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