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________________ प्रश्न: निष्क्रियतापूर्वक सजग कैसे हुआ ? न बहिर्मुखी और न अंतर्मुखी कैसे हुआ जाए? होना और फिर भी न होना कैसे हुआ जाए? कृपया शब्दों से नहीं वरन शून्य द्वारा उत्तर दे। तब तो तुम्हें भी शून्य के माध्यम से पूछना पड़ेगा। यदि तुम्हें मेरा मौन उत्तर चाहिए, तो तुमको मौन द्वारा ही पूछना पड़ेगा। यदि तुम मौन द्वारा नहीं पूछ सकते, तब भी मैं मौन द्वारा उत्तर दे सकता हूं किंतु उस उत्तर को तुम समझ न पाओगे। पहले तुम्हें मौन की भाषा सीखनी पड़ेगी । इसलिए यदि तुम मुझसे मौन में कुछ पाना चाहते हो, तो स्वयं की तैयारी करो और मौन में प्रश्न पूछो। इसे लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं तुम्हें उतना ही दे सकता हूं जितना ग्रहण करने की पात्रता तुममें है। और ऐसे दीवानगी भरे प्रश्न मत पूछो, क्योंकि मैं और दीवानगी से उत्तर दे सकता हूं। मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं एक मां ने सोचा कि उसकी बेटी की असामान्य प्रवृत्तियों की संभावना के लिए जांच की जानी चाहिए, इसलिए वह उसे एक मनोचिकित्सक के पास लेकर गई। अन्य प्रश्नों के साथ मनोचिकित्सक ने पूछा : तुम लड़का हो या लड़की? लड़की ने उत्तर दिया. लड़का । इस अप्रत्याशित उत्तर से हैरान होकर मनोचिकित्सक ने पूछा जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम क्या बनोगी- स्त्री या पुरुष पुरुष । उसने उत्तर दिया । बाद में जब वे घर लौट रहे थे, तो मां ने पूछा : उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के तुमने इतने अजीब से उत्तर क्यों दिए?
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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