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________________ इसलिए, अगर तुम संन्यासी हो तो तुम एक क्रांति हो। क्रांति किसी भी क्रांतिकारी से ज्यादा बड़ी होती है। क्रांतिकारी वे होते हैं, जो कहीं रुक गए हैं नदी ठहर गई है, अब वह बहती नहीं है। संन्यासी तो सदा प्रवाहमान है उनकी नदी कभी ठहरती ही नहीं है -वह आगे और आगे बहती ही चली जाती है, संन्यासी तो एक प्रवाह है। दूसरा प्रश्न: भगवान आप योगी हैं या भक्त हैं या ज्ञानी हैं या तांत्रिक हैं? इन मूर्खताओं में से कुछ भी नहीं। मेरे ऊपर किसी भी तरह के लेबल लगाने की कोशिश मत करना; न ही मुझे किसी कोटि में रखने की कोशिश करना। तुम्हारा मन मुझे किसी कोटि में रखना चाहेगा, ताकि तुम कह सको कि यह आदमी इस तरह का है और ताकि फिर तुम निश्चित हो जाओ। बात इतनी आसान नहीं है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। मैं तो पारे की भांति हूं, छलक-छलक जाऊंगा जितना अधिक मुझे पकड़ने की कोशिश करोगे, उतना ही छूट-छूट जाऊंगा। जितना अधिक मुझे जानना चाहोगे, उतना ही मैं बिना जाना रह जाऊंगा। या तो मैं सभी कुछ हं या मैं कुछ भी नहीं हं -केवल मेरी यही दो कोटियां हो सकती हैं, और मैं बीच की किसी अन्य कोटि में नहीं आता हूं, क्योंकि और कोई सी भी कोटि सत्य की खबर न दे सकेगी। और जिस दिन तुम मुझे या तो सब कुछ की भांति, या फिर कुछ नहीं की भांति जान लोगे, वह दिन तुम्हारे लिए परम अनुभूति का दिन होगा, परम सौभाग्य का दिन होगा। मैं तुम से एक कथा कहना चाहूंगा जिसे मैं कल ही पढ़ रहा था अपनी एक कहानी 'दि कंट्री ऑफ दि ब्लाइंड' में एच जी. वेल्स ने बताया है कि कैसे एक यात्री एक अजनबी वादी में जा पहुंचा, वह वादी जो कि ऊंचे -ऊंचे पहाड़ों से घिरी हुई थी, शेष सारे संसार से अलग-थलग हो गई थी। वहां पर सभी लोग अंधे थे-वह अंधों की वादी थी। भूल से एक यात्री वहां पहुंच गया। वह उस विचित्र वादी में कुछ दिन रहा, लेकिन वहां के जो मूल निवासी थे, वे उसे बीमार और अस्वस्थ समझते थे। उस वादी के जो विशेषज्ञ थे, उन्होंने कहा, 'इस आदमी का दिमाग, जिन्हें कि ये आंखें कहते हैं, उसके कारण अस्वस्थ हैं। ये आंखें इसे लगातार उत्तेजक और अशांत रखती हैं। और उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि जब तक इस. आदमी की आंखें न निकाल दी जाएंगी यह कभी
SR No.034098
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages505
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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