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________________ फरीद ने राजा की आंखों में झांककर देखा और बोला, 'मैं तुम्हारे विचारों को पढ़ सकता हूं और उदाहरण देने के लिए मैं बता सकता हूं कि तुम्हारे मन में बिलकुल अभी यही विचार चल रहा है कि तुम मेरी बात पर भरोसा नहीं कर सकते हो। मैं तुम्हारे विचारों को पढ़ सकता हूं और इस क्षण मैं देख रहा हूं कि तुम मेरी बात पर भरोसा नहीं कर सकते हो। भीतर ही भीतर तुम कह रहे हो, मैं इस आदमी पर भरोसा नहीं कर सकता कि यह जो कह रहा है वह सही है या नहीं।' राजा ने कहा, 'आपने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया है।' जिस व्यक्ति ने यह प्रश्न पूछा है वह जरूर बहुत क्रोधित हो रहा होगा। तब तुम चूक जाओगे क्योंकि क्रोध में तुम मुझे सुन नहीं सकोगे, तुम अभी और यहीं नहीं हो सकोगे। अंतिम प्रश्न: प्यारे भगवान कोई कह रहा है कि आपने राम से कहा है कि वह संबोधि को उपलब्ध हो गया है कोई कह रहा है कि आपको कोई दिलचस्प झूठ बताना था। राम कहता है कि आप मजाक कर रहे थे और मुझे आप से ही यह बात पूछनी चाहिए। मैं स्वयं को समझाने की कोशिश भी कर रहा ह कि इस बात से मेरा कोई लेना-देना नहीं है लेकिन फिर भी क्या वह संबोधि को उपलब्ध हो गया है? क्या उसने पा लिया है? पूछा है अनुराग ने। अगर वह समझ गया है कि मैं मजाक कर रहा था, तो वह जरूर उपलब्ध हो गया है। आज इतना ही।
SR No.034098
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages505
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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