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________________ क्योंकि युद्ध आवश्यक है; वरना दूसरे झपट पड़ेंगे तुम पर। वे यह नहीं सोचेंगे कि तुम अच्छे लोग हो इसलिए तुम्हें झंझट में नहीं डालना चाहिए। अगर भारत पूरी यौन-स्वतंत्रता दे दे और एक हिप्पी देश बन जाए, तो चीन चढ़ बैठेगा। इसलिए वह संभव नहीं है। अगर चीन छुट देता है, तो भय है कि रूस चढ़ बैठेगा। अगर रूस छुट देता है, तो अमरीका प्रतीक्षा में बैठा है। तो सब एक-दूसरे की घात में हैं और कोई भी जीवन को सहजस्वाभाविक ढंग से खिलने नहीं दे सकता है। प्राकृतिक होना, सहज होना संसार की सर्वाधिक कठिन बात हो गई है। तो अगर तुम एक बच्चे को शिक्षित करना चाहते हो, तो तुम्हें कामवासना को दबाना पड़ता है। क्योंकि तेरह-चौदह वर्ष के करीब बच्चा यौन के हिसाब से परिपक्व हो जाता है। तब प्रकृति ने उसको दे दी होती है टिकट, अब वह बच्चे पैदा कर सकता है लेकिन कालेज की पढ़ाई पूरी करनी है। अगर वह विवाह कर ले चौदह वर्ष की अवस्था में, तो डाक्टर कैसे बनेगा वह? इंजीनियर कैसे बनेगा वह? नहीं, उसे डाक्टर बनना ही है। लेकिन डाक्टर बनने के लिए उसे प्रतीक्षा करनी होगी। पच्चीसछब्बीस वर्ष की उम्र तक वह हो पाएगा इंजीनियर या डाक्टर या प्रोफेसर; तब उसे विवाह की अनुमति मिलेगी क्योंकि उसी ऊर्जा का तो उपयोग करना है पढ़ाई-लिखाई में। अगर तुम युवक-युवतियों को एक ही हॉस्टल में रहने दो, तो यूनिवर्सिटिया गायब हो जाएंगी; वे बनी नहीं रह सकतीं। वे बनी हुई हैं दमन की एक सूक्ष्म प्रक्रिया के कारण। कामवासना का दमन करना होता है, केवल तभी किसी दूसरी चीज के लिए ऊर्जा उपलब्ध होती है। तब युवक और युवतियां अपनी र्जा परीक्षाओं में लगा देते हैं। उनको पसंद नहीं है यह, लेकिन करें क्या? भीतर ऊर्जा मौजूद है। फिर सारे समाज हस्तमैथुन के विरुद्ध हैं, क्योंकि अगर तुम लड़कियों और लड़कों को एक साथ नहीं रहने देते हो, तो लड़के हस्तमैथुन करेंगे, लड़कियां हस्तमैथुन करेंगी। समाजों को विरुद्ध होना पड़ता है इसके, क्योंकि इससे ऊर्जा खोती है। ऊर्जा को तो जबरदस्ती लगाना होता है युनिवर्सिटी में; उन्हें इंजीनियर बनना होता है। उन्हें आनंदित नहीं होना होता। तो सभी समाज अपराध- भाव पैदा करते हैं हस्तमैथुन के प्रति। और सारे समाज प्रशंसा करते हैं कि यदि तुम काम-ऊर्जा को सुरक्षित रखो तो तुम बहुत महान हो जाओगे। निश्चित ही, एक अर्थों में तो महान हो ही जाते हों-महत्वाकांक्षा की दुनिया में महान हो जाते हो। मने कामवासना का दमन नहीं किया है तो तुम बड़े राजनेता नहीं बन सकते हो, क्योंकि कौन फिक्र करता है? यह इतनी व्यर्थ की बात है कि कौन जाना चाहता है दिल्ली या व्हाइट हाऊस, वाशिंगटन 1: कोई नहीं फिक्र करता। जरूरत ही क्या है? तुम्हारा छोटा सा घर ही है व्हाइट हाऊस। न, '| सुंदर ढंग से जीते हो और तुम आनंदित होते हो। और क्यों तुम अपना जीवन गवाओगे दिल्ली पाने में या वाशिंगटन जाने में? नहीं, तब तुम बड़े राजनेता नहीं बन सकते।
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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