SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 196
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जाता है। वे सबसे पुराने ब्रेन-वाश करने वाले लोग हैं। उन्होंने इतने परिपूर्ण रूप से संस्कारित किया कि शूद्रों ने, लोगों के एक बड़े समूह ने बिलकुल मान ही लिया कि उनके पिछले जन्मों के बुरे कर्मों के कारण वे दुख भोग रहे हैं; तो कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता किसी विद्रोह का-तुम्हें दुख भोगना ही है। यदि तुम दुख भोग लेते हो चुपचाप, तो संभावना है कि अगले जन्म में तुम शायद शूद्र न बनो; यदि तुम झंझट खड़ी करते हो, तो अगले जन्म में भी तुम शूद्र बनोगे, इससे भी बदतर। वे केवल एक ही जन्म को संस्कारित नहीं करते थे, जन्मों की पूरी श्रृंखला को संस्कारों में जकड़ देते थे। और शूद्रों को पढ़ने की इजाजत न थी, क्योंकि जब तुम पढ़ने-लिखने लगते हो, तो तुम प्रश्न उठाने लगते उन्हें वेदों के विषय में, शास्त्रों के विषय में कुछ जानने नहीं दिया जाता था, क्योंकि यदि तुम्हें भी वे रहस्य पता चल जाएं जो कि शोषण करने वाले जानते हैं, तो कठिन होगी बात। उन्हें किसी तरह की कोई बुद्धि विकसित करने की इजाजत न थी। वे जीते थे पशुओं की भांति। वह गुलामी परिपूर्ण थी; और ऐसा ही होता रहा है संसार भर में। पहली बार ऐसा हुआ है कि मनुष्य को थोड़ी स्वतंत्रता मिली है, थोड़ा आकाश मिला है। इसलिए मत कहना 'इन दिनों', क्योंकि उसी 'इन दिनों में वर्तमान की निंदा होती है और अतीत की प्रशंसा होती है; वह बात ठीक नहीं। वर्तमान सदा बेहतर है। ऐसा होना ही चाहिए, क्योंकि वर्तमान आता है अतीत से. ज्यादा अनुभवी, ज्यादा समृद्ध। भविष्य और अच्छा होगा। लेकिन गुलामी पहले भी रही है और वह सदा से रही है। समाज जीता है संस्कारों दवारा, वह प्रत्येक व्यक्ति को संस्कारित करता है! विधियां अलग हो सकती हैं-चीन में वे अलग ढंग से संस्कारित करते हैं; रूस में अलग ढंग से, भारत में और अलग ढंग से-लेकिन संस्कारित सभी करते हैं। तुम क्या सोचते हो, धार्मिक व्यक्ति क्या कर रहे हैं? क्या तुम सोचते हो केवल राजनेता संस्कारित कर रहे हैं लोगों को? धर्म बड़ी से बड़ी राजनीति रहा है संसार में; उसने भी लोगों को संस्कारित किया है। तम हिंद कैसे हए? हिंद होना या ईसाई होना या मुसलमान होना क्या है? एक संस्कार है। एक बच्चा पैदा होता है : राजनीति तो बहत देर से पकड़ पाएगी उस बच्चे की गर्दन, जब बच्चा स्कूल जाएगा तब। तब तक वह सात वर्ष का हो जाएगा। अब तो वैज्ञानिक कहते हैं कि सात वर्ष की उम्र तक बच्चे के अस्सी प्रतिशत संस्कार पड़ चुके होते हैं। तो कौन डाल रहा है ये संस्कार? मां-बाप, पंडित-पुरोहित, मंदिर, चर्च। एकदम शुरू से ही वे तुम्हारे मन को संस्कारित कर रहे हैं कि तुम हिंदू हो, कि तुम मुसलमान हो, कि तुम ईसाई हो-या कि तुम कम्युनिस्ट हो। प्रत्येक धर्म की रुचि है बच्चों में, उनको सिखाने में। जैसे ही वे शब्द समझना शुरू करते हैं, उन्हें सिखाना शुरू हो जाता है। तुरंत-क्योंकि एक बार जल्दी सिखाने का अवसर चूक जाए तो खतरा हो जाता है; तुम्हारे अचेतन को पूरी तरह संस्कारित करना होता है। और वे संस्कार तुम्हारे पूरे जीवन को प्रभावित करते हैं। चाहे तुम कुछ भी बन जाओ, वे संस्कार रहेंगे। तुम्हारे व्यवहार को, तुम्हारे मन को प्रभावित करते रहेंगे। यदि तम हिंद हो, जन्म से हिंद हो, तो अध्ययन दवारा, बौदधिक समझ दवारा,
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy