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________________ तो जब कोई ओम् का नाद सुनना शुरू कर देता है तो उसे जप नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह जप करना एक पलायन हो जायेगा। मंत्र का जप करना होता है और फिर उसे गिरा देना होता है। मंत्र केवल तभी संपूर्ण होता है जब तुम उसे गिरा सको। यदि तुम उसका जप किये ही जाते हो, तो तुम एक आश्रय के रूप में उससे चिपके रहोगे। तब जब कभी तुम भयभीत होओगे तुम फिर वापस आओगे और इसका जप करोगे। इसीलिए मैं कहता हैं इसका जप इतनी गहराई से करो कि शरीर आपूरित हो जाये। तब फिर से शरीर में इसका जप करने की कोई आवश्यकता न रहेगी। यदि मन आपूरित हो जाता है, तो इसका जप करने की कोई आवश्यकता नहीं रहती। यदि यह परिपूर्णता से उमड़ रहा हो, तो कोई जगह नहीं बचती इसमें ज्यादा जप उड़ेलने की। तो तुम पलायन नहीं कर सकते। केवल तभी उस अनाहत नाद को सुनना संभव होता है। चौथा प्रश्न: एक और मित्र ने पूछा है- 'इससे पहले आप 'ह' के मंत्र के बारे में बात किया करते थे। तो अब आप 'ओम' के मंत्र पर क्यों जोर दे रहे हैं?' मैं जोर नहीं दे रहा हूं। मैं मात्र तुम्हें समझा रहा हूं पतंजलि के बारे में। मेरा जोर तो 'हू पर ही है। और जो कुछ मैं ओम्' को लेकर कह रहा हूं वही प्रयुक्त होता है 'हू पर। लेकिन मेरा जोर 'हू पर ही है। जैसा कि मैंने तुमसे कहा, पतंजलि हुए पांच हजार वर्ष पहले। लोग सीधे-सरल थे, बहुत सीधे, निर्दोष। वे सरलता से आस्था कर सकते थे; उनके पास इतना उलझा हुआ मन न था। वे मस्तिष्कोन्मुखी नहीं थे; वे हृदयोमुखी थे। ओम् एक सौम्य नाद है, शांत है, गैर-हिंसात्मक है, अनाक्रमक है। यदि तुम ओम् का जप करते हो, यह कंठ से हृदय तक जाता है, उससे नीचे कभी नहीं। उन दिनों में वे हृदयपूर्ण लोग होते थे। ओम् उनके लिए काफी होता था। एक हल्की खुराक, होम्योपैथिक खुराक उनके लिए पर्याप्त होती थी। तुम्हें इससे ज्यादा मदद न मिलेगी। तुम्हारे लिए 'हू ज्यादा सहायक होगा। 'हू एक सूफी मंत्र है। उसी भांति जैसे कि ओम् एक हिंदू मंत्र है, 'ह सूफी मंत्र है। 'ह सूफियों दवारा विकसित हआ उस देश और जाति के लिए जो बहुत आक्रामक, हिंसात्मक थी-उन लोगों के लिए जो सीधे-सादे न थे, निर्दोष न थे, बल्कि चालाक और होशियार थे, जो योद्धा थे। उनके लिए 'ह खोजा गया था।
SR No.034095
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages467
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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