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________________ उन्नीसवाँ प्रकरण । ३८१ कहाँ है ? और भय कहाँ है ? और अभय कहाँ है ? ये सब अन्तःकरण के ही धर्म हैं, सो अन्तःकरण ही मिथ्या है ।। ५ ।। मूलम् । क्व दूरं क्व समीपं वा बाह्यं क्वाभ्यन्तरं क्व वा। क्वस्थूलंक्वचवा सूक्ष्मं स्वमहिम्नि स्थितस्य मे ॥ ६ ॥ पदच्छेदः । क्व, दूरम्, क्व, समीपम्, वा, बाह्यम्, क्व, आभ्यन्तरम्, क्व, वा, क्व, स्थूलम्, क्व, च, वा, सूक्ष्मम्, स्वमहिम्नि, स्थितस्य, मे ॥ शब्दार्थ ।। अन्वयः। शब्दार्थ । स्वमहिम्नि=अपनी महिमा में । समीपम्- समीप है ? स्थितस्य स्थित हुए मेमुझको क्व-कहाँ क्व कहाँ अभ्यन्तरम् आभ्यन्तर है ? दूरम्-दूर है ? च-और च और क्व-कहाँ स्थूलम् स्थूल है ? बाह्यम् बाह्य है ? च-और क्व - कहाँ क्व कहाँ सूक्ष्मम् --सूक्ष्म है ? भावार्थ। अन्वयः। क्व-कहाँ च--और मेरे में दूर कहाँ है ? समीप कहाँ है ? बाह्य कहाँ है ? अन्तर
SR No.034087
Book TitleAstavakra Gita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaibahaddur Babu Jalimsinh
PublisherTejkumar Press
Publication Year1971
Total Pages405
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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