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वलगे छे. एने धाववानुं कोणे शीखव्युं छे ? पूर्वनी संज्ञाए ज धावे छे कदापि कोइ एम कहे जे माता तेने वलगाडे छे तो ते वात खरी छे, पण मुख हलाववुं ए तो बालकनुं ज काम छे, ते काम माताथी बनी शकतुं नथी. वास्ते पाछला भवनी वासनाथी बने छे. गाय, भेशनां बच्चां पण एम ज करे छे. ते सर्व पाछला भवनी संज्ञाथी ज बने छे. न्हानां बच्चांने पैसा बतावीए तो झट लइ ले छे. स्त्रीने जोइ विषय विकार थाय छे. स्त्रीभोग कोइए शीखव्या नथी पण पूर्वना अभ्यासथी वांछना थाय छे. वली पूर्वभवमां धर्म करयो होये तेवा बालकनी आागल धर्मनी वार्त्ता करी तो खुशी थाय छे अने ते संज्ञा नथी होती तो ते राजी थतो नथी एथी पण सिद्ध थाय छे के आत्मा नित्य छे.
५० प्रश्नः - केटलाक धर्मवाला चार गति मानता नथी. फक्त एटलुंज माने छे के जीव, ईश्वर अथवा खुदा अथवा देवने त्यांथी आवे छे अने पाछो त्यां ज जाय छे तेनुं केम ?
उत्तरः- आ जगत्मां जीव जे धर्ममां उत्पन्न थयो होय ते धर्ममां जे कहां होय ते प्रमाणे ज माने छे. कोइक जीवे नीच जातिनुं कर्म बांध्यं होय अने ते सर्वज्ञना धर्मथी विरुद्ध धर्म पालता होय; परंतु जो निकटभवि होय छे तो चित्तमां न्यायनी बुद्धि प्राप्त थाय छे अने सर्वज्ञनां लक्षण तपासे छे. तेमां जेनां लक्षण न्याय युक्त लागे तेने सर्वज्ञ माने छे. जैने आ भवमां श्रात्मानुं कार्य थवानुं नथी ते माणस बीजी वातमा कदापि हुंशीयार होय पण सर्वज्ञना लक्षण तपासवानी बुद्धिवालो होय नहीं तेथी ते सर्वज्ञने ओलखतो नथी एटले जे धर्ममां उत्पन्न थयो होय ते प्रमाणे ज वर्त्ते छे. जुओ के - पाप पुन्यने ते माने छे, त्यारे पाप पुन्यनां फल भोगवत्रां ज जोइए. पापना योगे नरके जाय छे त्यां दुःख भोगवे छे. वली जेम अहियां गुन्हो करनारने केद करे छे, पाछो ते केदमांथी छूटे छे तेम नरकमांथी पण पाछो नीकले छे. सारां कृत्य करनारने म्होढ़ा ओद्धा मले छे, तेम आ संसारमां पुन्य कर्तुं होय तो देवनी
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