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________________ सर्व साधारण द्रव्य वृद्धिस्थान मार्गदर्शन - सर्व साधारण द्रव्य की वृद्धि के कर्तव्य के बारे में, आप के श्री संघ में, परिस्थिति के अनुसार, निम्नलिखित चढ़ावा-बोली कर शकते है एवं उसकी आवक में से जीवदया-अनुकंपा को छोडकर अन्य सर्व खर्च हो सकता है। पर्युषण पर्व में बोले जाते/बोल सकते है ऐसे चढ़ावें: 1. आठ अष्टमंगल के पूज्य एवं भावमंगलरुप सकल श्री संघ को दर्शन कराने के 8 चढ़ावें(ऐसे ही, सकल श्री संघ को दर्शनार्थे अष्टमंगल अर्पण करने का भी 8 चढ़ावा दे सकते है)। 2. ध्रुवसेन राजा बन कर कल्पसूत्र श्रवण करने का चढ़ावा। 3. संवत्सरी के दिन व्याख्यान के बाद सकल श्री संघ को सर्व प्रथम मिच्छा मि दुक्कडम् देने का चढ़ावा। 4. एक साल के लिए संघश्रेष्ठी/संघमोभी बनने का चढ़ावा,(चढ़ावा लेनेवाले का 1 साल के लिए पीढ़ी पर(या अनुकूल स्थान पर)नाम लगे, पूरा साल श्री संघ द्वारा होते बहुमान उनके हाथसे हो...इत्यादि सोच सकते है। 5. बारह मास के 12 या 15 दिन का एक ऐसे 24 सर्व साधारण के चढ़ावें। 6. पूर्व के प्रभावक राजा-मंत्री-श्रेष्ठी जैसे कि, कुमारपाल, वस्तुपाल, तेजपाल, जगडुशाह इत्यादि की प्रतिमा बना कर उनका बहुमान करने का चढ़ावा। 7. जन्म वाचन के दिन a. श्री संघ का गुमाश्ता (महेताजी) बनने का चढ़ावा। b. श्री संघ को गुलाबजल से अमीफुहार (अमीछांटणा) करने का चढ़ावा। C. जाजम बिछाने का चढ़ावा। d. कोई भी चढ़ावा लेने वाले का बहुमान-तिलक करने का चढ़ावा।
SR No.034073
Book TitleAshtmangal Aishwarya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaysundarsuri, Saumyaratnavijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2016
Total Pages40
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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