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________________ भागामास्कर २ संभाष्यभविष्यत काल । का-पुल्लिङ्ग वा स्त्रीलिङ्ग मे होऊ हम होवे तू होवे तुम हो वा हो वह होवे वे हो। ३ सामान्यभविष्यत काल । कता-पुल्लिङ्ग में होऊंगा हम होवेगे तू होवेगा तुम होओगे वह होवेगा वे होवेंगे कता-स्त्रीलिङ्ग में हाऊंगी हम होवेंगी तू होवेगी वा होगी तुम होओगी वा हांगी वह होवेगी वा होगी वे होवेंगी वा हांगी ४ पर्वकालिक क्रिया। होके होकर वा हो करके । २२१ अब उन क्रियाओं का उदाहरण रहना क्रिया के समस्त रूपों में देते है जिनका धातु व्यंजनान्त होता है ॥ रहना क्रिया के मुख्य भाग । আন্ত हेतुहेतुमदत रहता सामान्यभूत २२२ सामान्यभूत और जिन कालों की क्रिया उस से निकलती है उन्हें लिखते हैं। १ सामान्यभूत काल । कता-पुल्लिङ्ग एकवचन । बहुवचन । हम रहे रहा Scanned by CamScanner
SR No.034057
Book TitleBhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorEthrington Padri
PublisherEthrington Padri
Publication Year1882
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size43 MB
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