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________________ [३] कॉमनसेन्स : वेल्डिंग १९३ मात्र दुःख नहीं हो। ऐसा आपने तय किया हो तो उसे दुःख होगा ही नहीं। इसलिए आपको तय करना चाहिए। अभेदता ऐसे साधी जाती है एक व्यक्ति मुझसे कहता है कि, 'हमारे घर में मतभेद रहता है तो वह किस तरह जाएगा? उसका उपाय बताइए।' मैंने उससे कहा, "बड़ी उम्र के लोगों में मतभेद होते हैं, जबकि छोटे बच्चों के बीच तो मतभेद होते ही नहीं हैं। जिसमें अहंकार होता है और जागृति होती है, उसे मतभेद होते रहते हैं इसलिए जिसमें अहंकार जागृत हो चुका है, उसे सुबह सब से पहले पाँच बार बोलना चाहिए कि 'हम सब एक हैं और हममें कोई जुदाई नहीं है।' ऐसा पाँच बार बोले और ऐसा तय करे, तो पूरे दिन वैसा रहेगा। फिर दूसरे दिन वापस बोलना पड़ेगा, वर्ना जो 'चार्ज' किया था वह वापस उतर जाएगा! घर में तीन लोग हों तो इन तीनों लोगों को इस प्रकार से बोलना चाहिए।" प्रश्नकर्ता : जिन-जिन में मतभेद हैं, वे सभी इस मुद्दे पर एकमत कैसे हो सकेंगे? इसमें भी मतभेद पड़े तो? दादाश्री : नहीं, नहीं। ऐसे नहीं वह उसमें तो आप सब से कहे न, 'यदि आपको मतभेद टालना हो, मतभेद आपको पसंद नहीं हो तो हम सब इकट्ठे होकर 'दादा' के कहे अनुसार करें।' तब वे कहेंगे कि 'क्या करें?' तो कहना कि, "दादाजी ने कहा है कि 'हम सब एक ही हैं, हममें कोई जुदाई नहीं है' ऐसा पाँच बार बोलो।" ऐसा पाँच बार बोलोगे तो उसका 'चार्ज' चौबीस घंटे तक चलेगा, वह 'चार्ज' चौबीस घंटे तक रहेगा, ऐसा है। वापस दूसरे दिन बोलना पड़ेगा। नहीं तो फिर पावर उतर जाएगा। ऐसा करते-करते ठीक हो जाएगा। ___ कच्चे कान के नहीं बनना चाहिए वर्ना जगत् तो बहुत अलग ही प्रकार का है। घर में हमें मतभेद टालना हो, तब भी बाहर से लोग दरार डाल जाते हैं। मुझसे कोई कहे कि 'फलाने भाई ऐसे हैं' तो सब से पहले मैं
SR No.034040
Book TitleAptvani 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2018
Total Pages542
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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