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________________ Prof. Radhavallabh Tripathi Vice-Chancellor Rashtriya Sanskrit Sansthan Deemed to be University (Under MHRD, Govt. of India) प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी कुलपति राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान मानित विश्वविद्यालय (मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन) शुभाशंसा अहिंसा समस्त भारतीय दर्शनों तथा चिन्तन प्रस्थानों की एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अवधारणा है। अहिंसा परम्परा जितना गहन तत्त्वमीमांसीय प्रश्न है, उतनी गहराई से वह जीवन दृष्टि, आचार और जीवन पद्धति में सम्पृक्त है। प्रस्तुत ग्रन्थ में अहिंसा विषयक समस्त विमर्श को सर्वांगीण दृष्टि से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। __डॉ. अनेकान्त कुमार जैन ने 'अहिंसा दर्शन : एक अनुचिन्तन' के माध्यम से विभिन्न धर्म शास्त्रों से अहिंसा की खोज करते हुए अनेक महापुरुषों के चिंतन और प्रयोगों में उसके महत्व को समझाया है। आधुनिक युग के सामाजिक जीवन में अहिंसा के विभिन्न प्रयोगों की सार्थकता को दर्शाते हुए विचारक जगत् को चिंतन हेतु कुछ नए बिंदु भी दिए हैं जो इस ग्रन्थ की मौलिकता को रेखांकित करते हैं। नए पीढ़ी के मध्य अहिंसा आस्था को स्थापित करने के लिए यहाँ एक सार्थक हस्तक्षेप है जो प्राचीन मूल्यों को युगानुरूप नयी दिशा देने में सफल है। आशा है विश्वशांति की स्थापना में प्रयत्नशील वैचारिक और प्रायोगिक जगत् में इस कृति का स्वागत होगा। Poonam प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी ( vii )
SR No.034026
Book TitleAhimsa Darshan Ek Anuchintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnekant Jain
PublisherLal Bahaddur Shastri Rashtriya Sanskrit Vidyapitham
Publication Year2012
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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