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________________ आत्मा और उस राग के सम्बन्ध को जान लेते हैं तो यह ज्ञान मात्र है। जब यही ज्ञान बार-बार अभ्यास में आता है तो आत्मा और राग का भेद ज्ञान करने की रुचि उत्पन्न होती है। रुचि से बढ़ते-बढ़ते श्रद्धान बनता है। यह श्रद्धान जब आत्मा में स्थित हो जाता है तो आस्था बन जाती है। यह आस्था जब श्वास-श्वास में बैठ जाती है तो विश्वास बन जाता है। हे प्रवचनविज्ञ! केवल भेदज्ञान के प्रवचन सुन लेने से या प्रवचन कर लेने से या प्रवचन पढ़ लेने से यह अनादिकालीन मोह सहज विगलित नहीं होता है। इस ज्ञान को श्रद्धान, आस्था और विश्वास में परिणत करो। यह सब अभ्यास से होता है। आचार्य पूज्यपाद देव समाधितन्त्र में कहते हैं सोऽहमित्यात्तसंस्कारस्तस्मिन् भावनया पुनः। तत्रैव दृढसंस्काराल्लभते ह्यात्मनि स्थितिम्॥ २८॥ मैं वह शुद्ध आत्मा हूँ, इस संस्कार को प्राप्त करके इसी में पुनः पुनः भावना करो। दृढ़ अभ्यास से ही आत्मा में आत्मा की स्थिरता बनती है। आत्मा के उपयोग का आत्मा के उपयोग में ठहर जाना ही निश्चय चारित्र है। यह चारित्र गत भेदविज्ञान अनुभूति परक है। आत्मा और रागादि कर्म का भिन्न अनुभव इसी निश्चय चारित्र से होता है। जिसने इस अनुभूति को पा लिया उसने मनुष्य जन्म का सार पा लिया। यह अनुभूति वीतराग दशा में होती है। वीतराग दशा बाह्य परिग्रह के त्याग किए बिना नहीं होता और महाव्रतों का ग्रहण संसारी सम्बन्धों का त्याग किए बिना नहीं होता। सम्बन्धों का त्याग गृहत्याग के बिना नहीं होता । गृहत्याग ममत्व का त्याग बिना नहीं होता। हे आत्मन् ! इस अनुभूति का एक क्षण भी प्राप्त होना मनुष्य जन्म का सार है। जब इस अनुभूति में श्रमण अन्तर्मुहूर्त ठहर जाता है तो वह केवलज्ञानी बन जाता है। जो प्रवचन ऐसे संसार के सारभूत पदार्थ को प्राप्त करावे उसे मैं भक्ति भाव से प्रणाम करता हूँ। अब इस प्रवचनभक्ति का उपसंहार करते हैं जे सूरिणो पवयणस्स विसोहिजुत्ता भत्तिं जिणिंदकहिदत्थसुदस्स पप्पा। सिद्धंतसत्थमिह भव्वजणं दिसंति तं लोगपुजसुदयं हिदये धरेमि॥८॥ जिनका हृदय पवित्र हुआ है जिन प्रवचन की भक्ति से जिनवर-कथित-वचन को देते शिष्यों को निज शक्ति से। श्री सिद्धान्तशास्त्र गुरु मुख से भविजन धारण करते हैं
SR No.034024
Book TitleTitthayara Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPranamyasagar
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages207
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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