SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 71
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ પચ્ચખાણભાષ્ય ~~ देवेन्द्रसूरिकृतं पच्चक्खाणभाष्यम् ~~ १४ असणे मुग्गोयणसत्तु-मंड पय खज्ज रब्बकंदाइ । पाणे कंजिय जव कयर, कक्कडोदग सुराइजलं ॥७२॥ खाइमे भत्तोस फलाइ, साइमे सुंठि जीर अजमाइ । महु गुड तंबोलाइ, अणहारे मोअ-निंबाइ ॥७३॥ २४ विस्सरणमणाभोगो, सहसागारो सयं मुहपवेसो । पच्छन्नकाल मेहाई, दिसिविवज्जासु दिसिमोहो ॥७४।। साहुवयण उग्घाडा-पोरिसी तणुसुत्थया समाहि त्ति । संघाइकज्ज महत्तर, गिहत्थबंदाइ सागारी ॥५॥ आउंटणमंगाणं, गुरुपाहूणसाहू गुरुअब्भुट्ठाणं । परिठावण विहिगहिए, जइण पावरणि कडिपट्टो ॥७६॥ खरडिय लूहिय डोवाइ, लेव संसट्ठ डुच्चमंडाइ । उक्खित्त पिंडविगइण, मक्खियं अंगुलीहिं मणा ॥७७॥ लेवाडं आयामाइ, इअर सोवीरमच्छमुसिणजलं । धोअण बहुल ससित्थं, उस्सेइम इअर सित्थविणा ॥७८॥ पयसाडी-खीर-पेया, ऽवलेहि दुद्धट्टी दुद्ध विगइगया। दक्ख-बहु-अप्पतंदुल-तच्चुन्नंबिल-सहिय-दुद्धे ॥७९॥ ३३ निब्भंजण-वीसंदण, पक्कोसहि-तरिय-किट्टी-पक्कघयं । दहिए करंब सिहरिणि, सलवणदहि घोल घोलवडा ॥८॥ ३४ तिलकुट्टी-निब्भंजण, पक्कतिल-पक्कुसहितरिय तिल्लमल्ली । सक्कर गुलवाणय पाय, खंड अद्धकढि इक्खुरसो ॥८१॥
SR No.034014
Book TitleSukta Ratna Manjusha Part 11 Vairagyashatakadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavyasundarvijay
PublisherShramanopasak Parivar
Publication Year2017
Total Pages303
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size441 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy