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________________ ( iv ) है, वह किसी का भी हृदय - परिवर्तन करने में जादू जैसा कार्य करता है। कहानियों के सुनने/पढ़ने से स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा रहता है, क्योंकि इनसे व्यक्ति का मन प्रसन्न हो जाता है, उसके सारे दुःख-दर्द, चिंता-फिक्र, तनाव-अवसाद आदि दूर हो जाते हैं। प्राचीन काल में तो सोने से पहले कहानी सुनने की प्रथा ही थी, क्योंकि इससे नींद भी अच्छी आती है। दुःस्वप्न नहीं आते शुभ स्वप्न आते हैं। आज इस प्रथा के छूटने से अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। परिवार में एकता और स्नेह का वातावरण बनाये रखने में भी कहानियों का अद्भुत योगदान होता है। इसके अतिरिक्त और भी अनेक ज्ञाताज्ञात लाभ कहानी सुनने-समझने से होते हैं। अतः हम सबको खूब कहानियाँ सुननी - सुनानी चाहिए। बस, इतना ही ध्यान रहे कि ये कहानियाँ सुकथा ही हों, कुकथा नहीं। 'शिक्षाप्रद कहानियाँ' नामक इस कृति में डॉ. कुलदीप कुमार ने लगभग 100 महत्त्वपूर्ण सुकथाओं, कहानियों का लेखन किया है। ये सभी कहानियाँ प्राचीन हैं, नई नही हैं और इनमें बड़े ही महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य भरे हुए हैं। इनसे उनका अपना जीवन बदला है, इन्हें जन-जन तक पहुँचाना चाहते हैं। ये कहानियाँ उन्हें मैंने अवश्य सुनाई होंगी, पर इनकी प्रस्तुति में उनका अपना भी योगदान है। सभी लोग उनकी इस कृति से लाभान्वित हों अतः यही मेरी मंगल कामना है। - (प्रो.) वीरसागर जैन -
SR No.034003
Book TitleShikshaprad Kahaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKuldeepkumar
PublisherAmar Granth Publications
Publication Year2017
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size477 KB
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