SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ महादानी भामाशाह यह बात मैं अच्छी तरह से जानता हूँ। तभी तो आपके बीच में महाराणा का संदेश लेकर आया है। आप निश्चित रहें सिरोही और सिरोही जालौर आपके तो आप एक साथ जिएंगे आपके दिन ही रूक साथ मरेंगे। पाए। मेरी मजबूरी है,सुरतान! तो क्या आप नहीं, बस यहां भीज्यादा अपना संदेश दिन नहीं रुकेंगे। देकर शीघ्र ही लौटना पड़ेगा आपकी इस यात्रासे एक निचार और मन में AN यही कि आप आबू के निकट देलवाड़ा में विशाल मंदिर बनवा रहे हैं। क्या ? हां,मैने उसके यही समझा लिए धन संग्रह हेतु निकले हैं। आया था? TAMIL INCR नहीं, देवता का मंदिर किसी दूसरे के धन से नहीं, अपने हीधन से पूरा करूंगा। मंदिर के निमणि में कितना धन व्यय होने का अनुमान है।
SR No.033231
Book TitleMahadani Bhamashah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Kishor Patakha
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy