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________________ महादानी भामाशाह हमने यह तो सोचा ही नहीं था कि शत्रुइतनी तैयारी के साथ) अच्छा खासा युध्द भामाशाह | नेखोल दिया शाही खजाना उधर भीलराज और भामाशाह हमला करेगा। दो गया हमता मामूलीआक्रमण समझकर आगे बढ़े थे शत्रुओंकी संख्या तो पहले से भी अधिक थी,शक्तिसिंह और अमरसिंह के रणकौशल से हमयुदजीते तो सही मगर... 11111111 मगर क्या? इस युच्द में भी राणाको काफी धन और जनकी हानि उठानी पड़ी कुछ भी सही बुलन्द हौसलों मगर हमारे के आगे भला कोई हौसले बुलन्द ठहर सकता है जयू मेवाड़ इसी खुशी में शाही पकवान होजाए। froudbacopaGER वाह भीलराजजी, मुझपर यह तानाकस दिया। क्षमाकरे शाहजी मुझे स्वादिष्ट पकवान तो कतई पसन्द नहीं है मुझे तो अपने सैनिकों के साथ घास-पात की एक रोटी ही अच्छी लगती है, उसी से लड़ने की शक्ति मिलती है,देश के धन कुबेर ही ऐसे पकवानों का आनन्द ले सकते हैं हमारे जैसे देश के सैनिक INUTE नहीं
SR No.033231
Book TitleMahadani Bhamashah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Kishor Patakha
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size7 MB
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