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मनुष्य जन्म और मृत्यु को जानता है किन्तु जन्म और मृत्यु के बन्धन से भी मुक्त हो सकता है यह नहीं जानता। यह ग्रन्थ मुक्ति का
मार्गबताता है।
गुरूदेव! आपने इसको कैसेजाना?
वत्स | भगवान ऋषभदेव से महावीर तक की वाणी का यही सन्देश है। मैंने इसे गुरु परम्परा और अपने अनुभव
से जाना।
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