SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ | सातों भाइयों को धनकुमार का आदर सत्कार यश बिल्कुल न अच्छा अब सब लोग मोता भागा वेि उससे जालने लगे और उसे मारने की योजना बनाने । लगाओ देवें जलके अन्दर लगे और एक दिन..... सबसे अधिक देर कौन (भैया चलो! आजजल ठहरता है। क्रीड़ा को चलें। SWERS ASLIM (हो हाँ क्यों नहीं - योजना के अनुसार सातों भाई तो गोता अबोका है आओइसका ओह! निकलने का रास्ता बन्द.... मेरे भाइयों ने मुझे मारने के लिये ही| लगाते ही फौरन वापिका से बाहर आ काम यही तमाम करदें।इस यह षडयन्त्ररचा है। रवैर कोई उपाय तो निकलने का सोचना ही पड़ेगा गये लेकिन धनकुमार पानी में ही रहा। वापिकाको पत्थर से ढंक दें वापिका में पानी निकलने का द्वार तो अवश्य ही होगा क्योन उसद्वार को फिर..... ताकि यह धनकुमार इससे खोलकर जलके प्रवाह के साथ उससेबाहर निकल जाऊँ, बाहर न निकल सके और इसके अन्दर ही खत्म RAहो जाये। SARAST जनभाई मुझे मारना ही चाहते हैं तो अब मुझे घर में बिल्कुल नहीं रहना चाहिये। मुझे किसी दूसरे देश में चला जाना चाहिये ताकि मेरे भाई मेरे आरव सेदर होने पर सुख से यहां रह सके। 0 Pavasa
SR No.033228
Book TitleJo Kare So Bhare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMoolchand Jain
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy