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________________ जम्बुदाप कविदह क्षेत्र में एक पुष्कलावती देश हैं। उसकी राजधानी उत्पल खेट | जम्बु द्वीप पूर्व विदेह क्षेत्र में पूण्डरीकणी नगरी के राजा बजटत नगरी है। वहां के राजा वज्रबाहु थे उनकी रानी का नाम वसुन्धरा था। वही व उनकी रानी लक्ष्मीमती के श्रीमती नामकी पुत्री हुई। ललितांग देव अपनी आयु समाप्त होने पर इन्ही दम्पति का वजजंध नाम का पुत्र । श्रीमती बहुत हुआ वह अपनी मनोरम चेष्टाओं से सभी को हर्षित करता था। सुन्दर है इसे ब्रह्मा ने चन्द्रमा की चन्द्रमा जिस तरह कुमुदों को विकसित करता है उसी तरह यह कलाओं से बनाया बालक सबको हर्षित करता है। उधर राजा की आयुधशाला में चक्ररत्न प्रकट हुआ तथा नगर के बाहर अब ललितांगदेव के बिना मुझे एक क्षण भी वर्ष के समान प्रतीत होता है। तुम उद्यान में यशोधर महामुनि को केवल ज्ञान प्राप्त हुआ। राजा वज्रदंत उसकी खोज करके मुझे मिलादो। देखो मैनें इस पटिये पर पूर्वभव के चित्र अंकित महामुनि के ज्ञानोत्सव में शामिल हुए। ज्योहि उन्होंने मुनिराज के किये हैं। इन्हें दिखाकर तुम सरलता से ललितांग देव की खोज कर सकती हो। चरणों में प्रणाम किया उन्हें अवधिज्ञान हो गया इससे राजा ने अपने व पुत्री आदि के पूर्वभव स्पष्ट रूप से जान लिए। निश्चिन्त हो कर दिग्विजय के लिए निकल पड़े। इधर पंडिताधाय श्रीमती का मन बहलाने लगी। उसने उसे मुर्छित होने का कारण पूछा। मुझे पूर्व भव के पति ललितांगदेव का स्मरण हो आया है। FESCIENCE जैन चित्रकथा
SR No.033221
Book TitleChoubis Tirthankar Part 01
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size9 MB
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